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चौथा अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य फेस्टिवल

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30 Apr 22
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चौथा अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य फेस्टिवल

उदयपुर। शहर के सेक्टर चार स्थित अटल सभागार में चल रहे चौथे अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्य उत्सव के तीसरे दिन कलाकारों का जोश परवान पर नजर आया। एक तरफ जहां विश्व नृत्य दिवस होने की खुशी थी, तो वहीं दूसरी ओर  भारतनाट्यम नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रन की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। फेस्टिवल डायरेक्टर संध्या मनोज और डॉक्टर जी. रितेश बाबू ने बताया कि तीसरे दिन करीब 180 कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति दी। विशेष रुप से शाम को आयोजित फेस्टिवल में पद्मश्री गीता चंद्रन की भरतनाट्यम की प्रस्तुति ने समा बांध दिया। जिससे सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
कार्यक्रम में विशेष प्रस्तुति के रूप में दिल्ली की श्रेयसी गोपीनाथ ने भरतनाट्यम, राजश्री चक्रवर्ती व देवानंद द्वारा भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी, तो वही मलेशिया से आई ओडिसी नृत्यांगना संध्या मनोज ने महिला सशक्तिकरण के रामायण से जुड़े उदाहरण को केकयी के जीवन चरित्र, उसकी खूबसूरती, उनके पुरुषों से भी अधिक बलशाली होने की 45 मिनट की प्रस्तुति देकर दर्शकों को अचंभित कर दिया।  

फेस्टिवल संयोजक कथक आश्रम की संचालिका डॉ. चंद्रकला चौधरी ने बताया कि विश्व नृत्य दिवस पर फेस्टिवल में 9 शास्त्रीय नृत्य, भरतनाट्यम, मणिपुरी, ओडिसी, मोहिनी अट्टम, कुच्चीपुडी, कथकली आदि की प्रस्तुति हुई।

इन अतिथियों ने की शिरकत

विकास जोशी ने बताया कि शाम को फेस्टिवल के शुभारंभ अवसर पर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो डीआईजी राजेंद्र प्रसाद गोयल, हिंदुस्तान जिंक की अनुपम निधि, अर्थ डायग्नोस्टिक के अरविंदर सिंह, पार्षद सोनिका जैन, द स्कॉलर एरीना के दीपक चौधरी, तुषार मेहता होटल एसोसिएशन सेक्रेटरी जतिन श्रीमाली दिव्यानी कटारा आदि मौजूद रहे। अतिथियों ने एलीना बीनू, रुकमणी देवसेना, देव नंदा, भद्रा कुलगरा, गौरी नंदना, कार्तिका देवदास व संजना चंद्रन को उनकी नृत्य प्रतिभा को देखते हुए कला तिलक - 2022 से सम्मानित किया।

क्लासिकल डांस को स्टेज काफी कम मिलते है। यह एक परफोर्मिंग आर्ट है, जितनी ज्यादा परफॉर्मेंस होगी आपकी पारंगता उतनी ही बढ़ेगी। ऑल इंडिया डांस एसोसिएशन का यह चौथा इंटरनेशनल क्लासिकल डांस फेस्टिवल है जिसमे कॉम्पिटिशन का पार्ट भी है, जिससे बच्चो में कॉम्पिटिशन का स्टेंडर्ड बढ़ता है। म्यूजिक , कॉस्ट्यूम, तकनीक और डांस की कई विविधताओं के बारे में पता चलता है खास बात यह भी है कि यहां जब कई स्कूल्स के बच्चे और टीचर परफॉर्म करते है तो क्रिएटिविटी ज्यादा बढ़ती है।
संध्या मनोज, फेस्टिवल डायरेक्टर

शास्त्रीय नृत्य व संगीत हमारे लिए इंटरटेनमेंट नही : पद्मश्री गीता चंद्रन

श्रीनाथ जी के दर्शन के बगैर उदयपुर आना अधूरा है, सीनियर जूनियर सब मिल कर प्रस्तुति दी रहे है, यह काफी अच्छी बात है। यहां अगर मीरा भजन पर में नृत्य ना करू तो मेरा यहाँ आना और प्रस्तुति देना भी सार्थक नही होगा। शास्त्रीय नृत्य और संगीत हमारी परंपरा है, यह हमारे लिए इंटरटेनमेंट नही। मुझे वृंदावन के मंदिरों में नृत्य करने का मौका मिला। इसे पॉपकॉर्न खाते हुए या कोल्ड ड्रिंक पीते हुए नही देखा जाता, यह एक सेवा है जैसे हम हवन में नही उठते वैसे ही इस नृत्य के बीच मे भी हम ऐसे बैठे जैसे ठाकुर जी की सेवा में बैठे हो।


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