जयपुर। एपेक्स यूनिवर्सिटी में विधि संकाय द्वारा सोमवार को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के विधि संकाय के डीन प्रो. आनंद पालीवाल ने "भारतीय संविधान का विकास एवं विशेषताएं" विषय पर छात्रों को संबोधित किया।
कार्यक्रम में एलएलबी प्रथम वर्ष, अंतिम वर्ष और सातवें सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं सहित संकाय सदस्य भी मौजूद रहे। प्रो. पालीवाल के ओजस्वी व्याख्यान ने छात्रों और शिक्षकों को संविधान की गहराई, न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रयोग और भविष्य की न्यायिक व्यवस्था को लेकर नई दृष्टि प्रदान की।
AI से बदलती न्यायपालिका
प्रो. पालीवाल ने कहा कि यूके, ब्राज़ील, सिंगापुर सहित कई देशों में न्यायिक प्रणाली में AI का प्रयोग न्याय प्रक्रिया को तेज़ और प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। भारत में भी इसका प्रयोग आवश्यक है, किंतु इसके साथ नैतिकता और संवैधानिक मूल्यों का संतुलन बनाए रखना अनिवार्य है।
भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक तकनीक का समन्वय
उन्होंने कहा,
“भारत ऐसा देश बन सकता है जहां न्यायिक प्रणाली मशीन लर्निंग और भारतीय ज्ञान परंपरा के सहयोग से विश्व स्तर पर एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेगी।”
छात्रों के लिए प्रेरणा
प्रो. पालीवाल ने छात्रों से आग्रह किया कि वे पाठ्यक्रम के साथ व्यावहारिक अनुभव पर भी जोर दें और अपने करियर का लक्ष्य स्पष्ट करें। उन्होंने कहा,
“विधि के क्षेत्र में ऐसा योगदान दें जो समाज और देश दोनों के लिए मूल्यवान साबित हो।”
महिला न्यायाधीशों की बढ़ती भूमिका
उन्होंने विश्वास जताया कि भारत वह देश बनेगा जहां महिला न्यायाधीशों और महिला अधिवक्ताओं की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक होगी।
धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का संचालन संयोजक प्रो. मोनिका शर्मा ने किया और उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। परिसर निदेशक एयर कमोडोर डी. एस. शेखावत ने प्रो. पालीवाल का स्वागत करते हुए उनके विचारों की सराहना की