संसद में मेवाड़: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में कोचिंग सुविधा

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08 Aug 25
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संसद में मेवाड़: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में कोचिंग सुविधा

उदयपुर। देशभर के जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से सरकार द्वारा एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) में अब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग और पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इनमें NEET, IIT, JEE और CUET जैसी परीक्षाएं शामिल हैं। यह जानकारी जनजातीय कार्य राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने लोकसभा में सांसद डॉ. मन्नालाल रावत के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

सांसद डॉ. रावत ने संसद में देश में कार्यरत एवं स्वीकृत नए एकलव्य विद्यालयों की संख्या, राजस्थान के जनजातीय जिलों में इनकी स्थिति तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सुविधा को लेकर जानकारी मांगी थी।

राज्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2013-14 तक देश में केवल 123 ईएमआरएस कार्यरत थे, जबकि 2014-15 से लेकर अब तक कुल 555 नए ईएमआरएस स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 312 विद्यालय क्रियाशील हैं, 211 के भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और 344 का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राजस्थान के जनजातीय जिलों में ईएमआरएस की स्थिति
सांसद डॉ. रावत द्वारा राजस्थान के उदयपुर, सलूंबर, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर में नए विद्यालयों की स्थापना के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर राज्यमंत्री ने बताया कि उदयपुर और सलूंबर जिलों में एकलव्य विद्यालयों की स्वीकृति दी जा चुकी है। वहीं प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में चार-चार ईएमआरएस स्वीकृत हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग की सुविधा
डॉ. रावत द्वारा यह जानना चाहा गया कि क्या जनजातीय छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष तैयारी कोर्स शुरू करने की योजना है? इस पर मंत्री ने बताया कि मंत्रालय द्वारा एनईएसटीएस के माध्यम से EMRS में विशेष कोचिंग और तैयारी पाठ्यक्रमों की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में तीन ईएमआरएस में Center of Excellence (CoE) संचालित हो रहे हैं और अन्य विद्यालयों में NGO के माध्यम से ऑनलाइन कोचिंग सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

एनईएसटीएस की स्थापना
EMRS योजना के प्रबंधन और क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (NESTS) की स्थापना की गई है। यह एक स्वायत्त संगठन है जो राज्य ईएमआरएस सोसायटी के समन्वय से कार्य करता है। मंत्रालय द्वारा इसे बजट आवंटित किया जाता है, जिसे फिर राज्यों, संघ शासित प्रदेशों, निर्माण एजेंसियों, और राज्य समितियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार जारी किया जाता है।

यह पहल जनजातीय छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के योग्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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