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डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विश्व जल दिवस का आयोजन  

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22 Mar 24
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डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विश्व जल दिवस का आयोजन  

एमपीयूएटी के संघटक डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विश्व जल दिवस मनाया गया ।  

महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा की भारतीय संस्कृति में जल के देवता वरुण देव को स्वस्ति वाचन मन्त्रों में स्थान देकर जल की जीवन में महत्ता को बताया गया है और यही वजह है की प्रत्येक शुभ कार्यक्रम में स्वस्ति वाचन मन्त्रों के साथ जल का छिड़काव कर शुद्धिकरण के उपरांत ही आरम्भ किया जाता हैं । पृथ्वी पर जल की उपलब्धता प्रचुर हैं परन्तु शुद्ध पेयजल दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है ऐसें में हमारा नैतिक दायित्व हैं की जल का अपव्यय न हो क्यों कि हम जल का उत्पादन तो नही कर सकते परन्तु संरक्षण तो कर ही सकतें है । उदयपुर की झीले जल संरक्षण का अनुकरणीय उदहारण है साथ ही इस बात का सबूत है की किस तरह हमारें पूर्वजों ने सैंकड़ों वर्ष पूर्व जल संरक्षण किया और शायद यही वजह है की आज उदयपुर की जनता को पेयजल सुलभ हैं । आज हमारा भी कुछ ऐसा ही उत्तरदायित्व है की पुरखों की जल संरक्षण की अमूल्य धरोहर को अक्षुण्ण रूप से आने वाली पीढ़ी को हस्तांतरित करे । उन्होंने आह्वान किया की एक शैक्षणिक संस्थान होने के नाते हमें एक मजबूत और अनुकरणीय पहल करनी होगी क्योंकि हमारा संस्थान सिर्फ डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ ही नही बल्क़ि जिम्मेदार और जागरूक नागरिक भी तैयार करता आया है और यह परिपाटी हमें हर हाल में बनाये रखनी है । उन्होंने कहा की सभी संकाय सदस्य एवं कर्मचारी संस्थान पर ही नही घर पर ही नही बल्कि हर जगह जल के अपव्यय को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करे और अपने परिजनों, मित्रोँ इत्यादि को भी प्रेरित करे क्योंकि सामूहिक प्रयास सफलता के प्रतिशत को सिर्फ और सिर्फ बढ़ाएंगे और तभी इस दिवस को मनाने का ध्येय सफल हो पाएगा ।    

महाविद्यालय के सहायक आचार्य एवं अतिरिक्त छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ कमलेश कुमार ने बताया की इस अवसर पर रंगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । रंगोली में हंसा चौधरी एवं निकिता कटारा संयुक्त रूप से प्रथम रहे जबकि पोस्टर प्रतियोगिता में सायशा ईशा ताज और अंकित सिंह शेखावत की टीम ने प्रथम स्थान पर कब्ज़ा किया । कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मानविक जोशी और देवेन्द्र चौधरी का पणिहारी लोकगीत रहा जिसने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया । इस अवसर पर महाविद्यालय के जलकूप पर वरुण देवता का मानविक जोशी ने मंत्रोचित आह्वान कर संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों की यजमानी में पूजन करवाया । 


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