उदयपुर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के स्मार्ट गांव ब्राह्मणों की हुन्दर में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया। इसके मुख्य अतिथि डॉ. पी.सी. जैन, पूर्व विभागाध्यक्ष, राजकीय महाराणा भोपाल चिकित्सालय, उदयपुर ने नशे की सच्ची कहानियां बताते हुये उन्हें छुड़ाने के उपाय भी बताये व सभी उपस्थिति प्रतिभागियों ने नशा गीत मिलकर गाया तथा गांजा, शराब, तम्बाकू, अफीम आदि नशीले पदार्थों से दूरी बनाये रखने एवं इससे होने वाली हानि की संक्षिप्त जानकारी दी। साथ ही उन्होनें बताया कि दिनांक 22 मार्च, 2024 को अन्तर्राष्ट्रीय जल दिवस मनाया जायेगा और आप सभी किसान भाई-बहन अपने आस-पास स्थित जल स्त्रोतों का पुजन कर उन्हें स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने का संकल्प लें। आपने विभिन्न चार्ट व पोस्टर जैसे शराब, तम्बाकु, धुम्रपान एवं गुटखा इत्यादि के माध्यम किसानों एवं महिलाओं को जागरूक किया। डॉ. आर.एस. राठौड़, समन्वयक, समार्ट विलेज ने बताया कि मोटे अनाज के बेकरी उत्पादों से कुपोषण उन्मुलन प्रशिक्षण कार्यक्रम के 30 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। साथ ही उन्होनें श्रीअन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये उन्नत तकनीकियों के बारे में बताया। इन प्रशिक्षणार्थियों ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मदार में स्थित सौलर-ट्री एवं नवनिर्मित सभागार का अवलोकन किया। इस मौके पर डॉ. गायत्री तिवारी, प्रोफेसर सामुदायिक एवं व्यवहारिक विज्ञान महाविद्यालय, ने कहा कि नशा नाश का द्वार है। इसके सेवन से चौतरफा यानि तन-मन-धन-जन की हानि होती है एवं तम्बाकु के दुष्प्रभाव से परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। साथ ही इसके दुष्प्रभाव सम्पूर्ण परिवार को भुगतने पढ़ते है। इस जागरूकता शिविर में मदार एवं ब्राह्मणों की हुन्दर से 62 सम्भागीयों ने भाग लिया और साथ ही इन सभी प्रशिक्षणार्थियों ने महिला स्वयं सहायता समुह, मदार के संवाद कराया गया। इस कार्यक्रम में आगंनवाड़ी कार्यक्रता, ग्राम पंचायत, वार्ड पंच एवं प्रगतिशिल कृषकों ने गावं में साफ-सफाई रखने व गावं को नशा मुक्त करने की शपथ ली।