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डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विशेष व्याख्यान का आयोजन

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02 Mar 24
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डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विशेष व्याख्यान का आयोजन

एमपीयूएटी के संघटक डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में राजस्थान के डेयरी उद्योग में सम्भावनाओ पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया । पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव (पशुपालन एवं डेयरी) डॉ खेमराज ने बतौर मुख्य वक्ता अपनें विचार व्यक्त कियें ।

महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया की महाविद्यालय डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्चतम मापदंडों के अनुकूल शिक्षण एवं  परामर्श प्रदान कर रहा है । यहाँ समयानुसार आने वाले तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी बदलावों से विद्यार्थियों को परिचित कराया जाता है ताकि जब वर्षान्त में विद्यार्थी अनुभवात्मक प्रशिक्षण के लिए विभिन्न उद्योगों में जाये तो आधुनिक तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी बदलावों के बारे में अपने ज्ञान को परिष्कृत करने के साथ अपनी शंकाओं का समाधान कर सके । महाविद्यालय में परम्परागत शिक्षा को आधुनिक समय के अनुसार उपलब्ध संसाधनों का समुचित प्रयोग कर विद्यार्थियो के ज्ञान को अनवरत उन्नयन किया जाता है । इस हेतु विभिन्न विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर विद्यार्थियों की ज्ञान पिपासा को पूर्णतया संतुष्ट करने का यह अभिनव प्रयोग है ।

महाविद्यालय की सह आचार्य एवं अतिरिक्त छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ निकिता वधावन ने बताया की महाविद्यालय विद्यार्थियो के ज्ञान को अनवरत परिष्कृत करने के लिए कृत संकल्प है । आज के विशेष व्याख्यान का आयोजन उसी संकल्प का क्रियान्वयन है ।  

मुख्य वक्ता डॉ खेमराज ने कहा की डेयरी का क्षेत्र असीमित सम्भावनाओं से भरा है और ऐसा क्षेत्र है जहाँ उद्यमिता और नौकरी दोनों की विपुल संभावनाएं है । यह क्षेत्र अभी तक असंगठित स्तर पर होकर भी वर्षों से न केवल आजीविका का बल्क़ि उत्तम स्वास्थ्य का आवश्यक स्रोत रहा है । भारतवर्ष को सोने की चिड़िया कहलाने में डेयरी क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान रहा है । यदि इस असंगठित क्षेत्र को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करके उपयुक्त दोहन किया जाये तो भारत की अर्थव्यवस्था गगनचुंबी होगी और न केवल विकसित भारत का सपना सही अर्थो में साकार होगा बल्कि स्वस्थ भारत का उत्कृष्ट लक्ष्य हासिल होगा । आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने से केवल उद्यम में आधुनिकता का समावेश होगा लेकिन बिना कौशलपूर्ण मानव संसाधनों के लक्ष्य की प्रप्ति नही हो सकती । यदि आज का विद्यार्थी, जो कल का प्रशिक्षित प्रविधि-तंत्री बनेगा, डेयरी क्षेत्र  के नवाचारों से समय समय पर स्वयं को अद्यतन करता रहे तो भारतवर्ष के स्वर्णिम युग का विधिवत शुभारम्भ हो जायेगा । दुग्ध उत्पादन में भारत विश्व में सिरमौर है यदि इस दुग्ध उत्पादन का समुचित प्रसंस्करण एवं मूल्य सम्वर्धन किया जाये तो विश्व के डेयरी क्षेत्र की महाशक्ति बन जायेगा । उन्होंने छात्रों से आह्वान किया की भारतवर्ष को महाशक्ति बनाने का यही समय है और सभी इसमें बढ़ चढ़ कर योगदान करें यही समय की माँग है ।


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