राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन एवं आईसीएसएसआर नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय नेशनल सेमिनार का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में सेमिनार के सचिव डॉ. पी एस राजपूत ने सभी पधारे हुए विद्वानजनों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बताया कि सेमिनार में देश के विभिन्न राज्यों से 180 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जो पुस्तकालय में आधुनिकीकरण, ऑटोमेशन, नई तकनीकी नई तकनीकी और प्रौद्योगिकी का पुस्तकालय में प्रयोग एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में किये जा रहे प्रयासों के बारे में मंथन करेंगे। बाबासाहब भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ से पधारे प्रोफेसर एम.पी. सिंह ने कहा कि पुस्तकालय ज्ञान के मंदिर है एवं पुस्तकालय संस्कृति को संजोकर रखते हैं। उन्होंने पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों से अवगत करवाया। प्रोफेसर एस.के. कटारिया ने वर्तमान डिजिटल युग में प्लेगरिज्म से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर ए.पी. सिंह ने आरआरआरएलएफ द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा की। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर पुस्तकालय की महत्ता के बारे में समझाया। साथ ही पुस्तकालय विज्ञान क्षेत्र के प्रोफेशनल्स को अपने क्षेत्र में पुस्तकालय के विकास से सम्बंधित कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया। कला महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर सी.आर. सुथार ने पुस्तकालय से संबंधित एक्ट के विषय में अपनी बात रखी। सहअधिष्ठाता प्रोफेसर दिग्विजय भटनागर ने इस दो दिवसीय सेमिनार हेतु सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की। तकनीकी सत्रों में डॉ क्षेमा प्रकाश, डॉ सीमा परिहार सहित कुल 12 प्रतिभागियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।