केंद्रीयकृत तकनीकी व्यवस्था सम्स लागू
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पेंशनर्स को राहत, 3 करोड़ 38 लाख होगा का भुगतान
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प्रोफेसर इन प्रैक्टिस की परंपरा होगी शरू
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संत पीपा शोध संस्थान स्थापित करने पर सहमति
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उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल(बॉम) की बैठक सोमवार को कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न निर्णय किए गए।
प्रवक्ता डॉक्टर कुंजन आचार्य ने बताया कि अब विश्वविद्यालय को तकनीकी तौर पर समृद्ध बनाने के लिए एसयूएमएस (सम्स) लागू करने का निर्णय किया गया। सम्स देश के 34 विश्वविद्यालय में अभी कार्य कर रहा है। यह एक केंद्रीयकृत तकनीकी व्यवस्था है जिसके 28 मॉड्यूल काम करते हैं। जिसमें एडमिशन से लेकर परीक्षा परिणाम जारी करने तक की समृद्ध ऑनलाइन तकनीकी व्यवस्थाएं होती है।
बॉम की बैठक में पेंशनर्स को राहत देते हुए करीब 3 करोड़ 38 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्णय किया गया है। इसमें पेंशनर्स के लिए डीए और एरियर का भुगतान शामिल है। यह पेंशनर्स की कुल बकाया राशि का 50 प्रतिशत राशि है जोकि प्रारंभिक चरण में दी जाएगी। इसके साथ ही यह भी निर्णय किया गया कि जो पेंशनर 75 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे उनकी पेंशन में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
गत शैक्षिक सत्र में हुई विभिन्न परीक्षाओं और डिग्रियों का अनुमोदन भी बैठक में किया गया। डिग्री और स्वर्ण पदकों का वितरण 21 दिसंबर को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में किया जाएगा।
बैठक में संत पीपा शोध संस्थान स्थापित करने पर सहमति व्यक्ति की गई। इसके तहत एक सहायक आचार्य की स्थाई नियुक्ति की जाएगी। बॉम की बैठक में यह भी तय किया गया कि सुखाड़िया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर इन प्रैक्टिस की परंपरा अंगीकार की जाएगी, जिसमें अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल विशेषज्ञों को आमंत्रित करके उन्हें एक समेकित मानदेय पर शिक्षण कार्य के लिए आमंत्रित किया जाएगा।