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पॉलिटिकल एजुकेशन का अभाव लोकतंत्र की सबसे बड़ी कमी -डॉ जोशी

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18 Dec 22
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पॉलिटिकल एजुकेशन का अभाव लोकतंत्र की सबसे बड़ी कमी -डॉ जोशी

अनिवार्य मतदान संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाएगा-कटारिया
उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को दो नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण एवम दो भवनों का शिलान्यास विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी एवम नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने किया। इस अवसर पर प्रबंध अध्ययन संकाय के नवनिर्मित सभागार में 'संसदीय लोकतंत्र की चुनौतियां' विषयक सेमिनार भी आयोजित हुआ जिसमें जोशी और कटारिया मुख्य वक्ता थे। 
विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमने पॉलिटिकल एजुकेशन पर काम नहीं किया। इस के अभाव में लोकतंत्र में जो मजबूती आनी चाहिए थी वह नहीं आ पाई।

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उन्होंने कहा कि इस दिशा में किसी भी पार्टी ने काम नहीं किया इसलिए सशक्त जनप्रतिनिधियों की कमी खलती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक शिक्षा लोकतंत्र को मजबूत बनाती है। यदि चुनी हुई सरकारें सही तरीके से यह काम करें तो कभी कोई आंदोलन नहीं हो। आए दिन आंदोलन होते हैं इसका अर्थ है कि हम राजनीतिक सशक्तिकरण से कोसों दूर हैं। मतदाताओं को लोगों को जागरूक और शिक्षित करना आज की पहली जरूरत है। उन्होंने कहा कि विधायिका को हमने अकाउंटेबल ही नहीं बनाया ना इस दिशा में सरकारों ने काम किया। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज के दौर में  एग्जीक्यूटिव डिक्टेटरशिप से शासन चल रहे है जो बेहद चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि मजबूत एवं संस्कारवान जनप्रतिनिधि होंगे तो सरकारें भी सही तरीके से काम करेगी। उन्होंने कहा कि वार्ड पंच लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई होता है और सबसे मजबूत भी लेकिन उन्हें अपने अधिकारों का पता ही नहीं है। ग्राम सभाओं को जागरूक नहीं किया जाता ना उन्हें उनके अधिकारों का पता है। लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में वॉच डॉग का बहुत अभाव है क्योंकि राजनीतिक शिक्षा नहीं होने के कारण हम लोकतंत्र को सही ढंग से ना समझ पाते हैं ना उसके साथ काम कर पाते हैं।

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डॉ जोशी ने कोरोना के 2 सालों में दी गई शिक्षा के स्तर पर भी सवाल उठाया और कहा कि इन 2 सालों में जो शिक्षा दी गई उसका परिणाम हमें बाद में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य तय करेगा लेकिन हम इस पर भी चर्चा नहीं कर रहे हैं। पानी की कमी को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पानी की पारंपरिक संग्रहण बचत पद्धति का का सही इस्तेमाल नहीं हुआ लेकिन हम शहरीकरण की दिशा में बढ़ गए और आज पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि भारत का संविधान सबको जोड़ने वाला संविधान है लेकिन लोगों में जागरूकता का अभाव आज भी साफ दिखाई पड़ता है। लोगों को अपने वोट की कीमत और उसका माप तोल जिस दिन पता चल जाएगा उस दिन राजनीतिक पार्टियों की दुकानें बंद हो जाएगी। कटारिया ने कहा कि जीवन का कड़वापन यही है कि हम अपने बच्चों की,अपने परिवार की अपने पड़ोसी की चिंता करते हैं देश की जिस दिन चिंता करना शुरू करेंगे उस दिन लोकतंत्र सुधर जाएगा।
उन्होंने अनिवार्य मतदान की पैरवी करते हुए कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी हम लोगों को मतदान का महत्व नहीं समझा पाए। अनिवार्य मतदान लागू किया जाना चाहिए और जो मतदान ना करें उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित कर देना चाहिए। उन्होंने चुनाव पद्धति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज कानून की पेचीदगियां और पद्धतियां समझने वाले एमएलए ढूंढे से नहीं मिलते हैं क्योंकि राजनीतिक पार्टियों को जीतने वाला प्रत्याशी चाहिए। अकलमंद प्रत्याशी की जरूरत किसी को नहीं होती है। कड़वी सच्चाई है कि कम बुद्धि का प्रत्याशी होगा तो सरकारें चलाने में सुविधा होगी। कटारिया ने कहा कि हम सब राजनीतिक दलों को जातिवाद के जहर से लोकतंत्र को बाहर निकालना होगा। हम सरपंच भी खड़ा करते हैं तो जाति और पैसा देखकर खड़ा करते हैं और यह जातिगत राजनीति ही लोकतंत्र का सत्यानाश कर रही है। कटारिया ने कहा कि लोकतंत्र में पैसे का सम्मान है, गुणों का सम्मान नहीं है। यह गिरावट की भी पराकाष्ठा है। कटारिया ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि नौकरशाही हर जगह हावी है, जनता चुनती हमको है लेकिन राज कोई और करता है। कटारिया ने कहा कि मतदाता को अपने मत की ताकत पहचाननी होगी क्योंकि जो ताकत मतदाता के पास है वह किसी पार्टी या किसी नेता के पास नहीं है।
इस अवसर पर कांग्रेस सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि लोकतंत्र की नीव से छेड़छाड़ ना की जाए वरना लोकतांत्रिक पद्धति को नुकसान पहुंच सकता है। आने वाली पीढ़ी को सही एवं उचित मार्गदर्शन करके ही हम लोकतांत्रिक परंपराओं को बचा सकते हैं।
कुलपति प्रोफ़ेसर आईवी त्रिवेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला। प्रबंध अध्ययन संकाय के निदेशक प्रो हनुमान प्रसाद ने सभी का स्वागत करते हुए नवनिर्मित सभागार के बारे में जानकारी दी  कार्यक्रम का संचालन प्रो नीरज शर्मा ने किया। धन्यवाद रजिस्ट्रार छोगाराम देवासी ने दिया। 
सेमिनार से पूर्व जोशी और कटारिया ने  प्रबंध संकाय के नवनिर्मित सभागार का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रबंध अध्ययन संकाय के बी ब्लॉक का शिलान्यास भी किया । 
इसके बाद कटारिया और जोशी ने इनफॉर्मेटिक्स एवम कंप्यूटेशनल साइंस एवं के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। कंप्यूटर सेंटर के निदेशक डॉ अविनाश पवार ने बताया कि यह भवन विभाग के स्व अर्जित आय से बनाया गया है।
इस अवसर पर कटारिया व जोशी ने ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ़ जेनोलॉजी एवं प्राकृत भवन का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर विभाग के प्रभारी अध्यक्ष डॉ ज्योति बाबू जैन ने सभी पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया। करीब 3 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन में जैन एवं प्राकृत ग्रंथों का संरक्षण किया जाएगा।
विश्वविद्यालय में आयोजित इन विभिन्न कार्यक्रमों में रजिस्ट्रार छोगाराम देवासी, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर सीआर सुथार, विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर सी पी जैन, विधि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ राजश्री चौधरी, एफ़एमएस के निदेशक प्रोफेसर हनुमान प्रसाद, वाणिज्य महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर पीके सिंह, विश्वविद्यालय के संपदा अधिकारी राकेश जैन सहित सभी शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

 


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