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छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

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01 Oct 22
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 छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

राजस्थान कृषि महाविद्यालय के उद्यानिकी विभाग में स्नातक विद्यार्थीयों हेतु उद्यानिकी फसलों में तुरई पश्चात प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन  पर छः दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 23 से 30 सितंबर के मध्य किया गया। प्रशिक्षण के समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. पी. के. सिंह, अधिष्ठाता, प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय कृषि में नवाचार व नई तकनीकीयों के समावेश का समय है ऐसे में उद्यानिकी उत्पादों में मूल्य संवर्धन सबसे आकर्षक व प्रचलित प्रतीत होता है ।  डॉ सिंह ने कहा कि उद्यानिकी उत्पाद में होने वाले नुकसान को बचाना आज की सबसे बड़ी चुनौती है जिसे उपयुक्त तुड़ाई पश्चात प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन द्वारा ही अर्जित किया जा सकता है । समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ आर ए कौशिक, निदेशक प्रसार शिक्षा, ने  कहां की कृषि उत्पादों में होने वाली हानि को बचाना भी एक तरह का उत्पादन है यदि हम हानि का 50 प्रतिशत भी बचा लेते हैं तो यह एक बहुत बड़ी मात्रा के रूप में शुद्ध लाभ होगा। डॉ कौशिक ने कहा कि कई आदोहित फल जैसे जामुन, सीताफल आदि में मूल्य  संवर्धन कर कई गुना लाभ अर्जित किया जा सकता है ।डॉ. महेश कोठारी, निदेशक, प्लानिंग  एवं मॉनिटरिंग ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया उन्होंने कहा कि नवयुवकों में अधिक रचनात्मकता होती है वे कई प्रकार के नए विचार, अनुसंधान व उद्यमिता के लिए समाज को दे सकते हैं । डॉ एस. एस. शर्मा, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने सभी प्राध्यापकों से इस प्रकार के प्रशिक्षण को आयोजन करने का आह्वान किया साथ ही डॉ शर्मा ने सभी प्रकार का सहयोग प्रदान करने के लिए आश्वस्त किया। डॉक्टर एच. एल. बेरवा, विभागाध्यक्ष एवं प्रशिक्षण प्रभारी ने प्रशिक्षण के दौरान आयोजित भ्रमण, प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी सदन के समक्ष प्रस्तुत की । अंत में डॉ कपिल देव आमेटा ने सभी का धन्यवाद प्रेषित किया ।


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