मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के द्वारा दिनांक 14 मई को किशोरों में आचरण विकारों के लिए हस्तक्षेप पर कार्यशाला का आयोजन रूसा 2.0 के अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। कार्यशाला की आयोजक सचिव, डॉ. वर्षा शर्मा ने बताया कि यह कार्यशाला किशोरों एवं विद्यार्थियों के लिए लाभदायक रहेगी। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो कल्पना जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इसका उपयोग एक सहयोगी चिकित्सा के रूप में किया जाता है। कार्यक्रम के विषय विशेषज्ञ सहायक प्रोफेसर, वंदना श्रीहर्ष, नैदानिक, पुनर्वास मनोवैज्ञानिक ने कंडक्ट डिसऑर्डर के बारे में बताते हुए कैसे बालकों में सूझ विकसित करें क्या इसके चरण है इसे कैसे पहचाने इसकी रोकथाम कैसे करें इत्यादि के बारे में बताया । सहायक आचार्य, डॉ. सुनील, दिशा संस्थान जयपुर ने पुनर्वास के बारे में बताते हुए इसके चरणों को समझाया और बताया की किस प्रकार अक्षमता वाले बच्चों क्षमता को पहचान कर उनकी क्रियाओं को बढ़ाया जा सकता है। कार्यक्रम के अंतर्गत सहायक आचार्य डॉ तरुण शर्मा ,डॉ हेमा मेहर व डॉ रश्मि सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 65 से अधिक विद्यार्थी ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यम में उपस्थित रहे।