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यूरोप औद्योगिक क्रांति में मेवाड़ के वनवासियों का योगदान- डॉ. अरविंद कुमार 

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23 Oct 21
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यूरोप औद्योगिक क्रांति में मेवाड़ के वनवासियों का योगदान- डॉ. अरविंद कुमार 

उदयपुर। राजस्थान साहित्य महोत्सव अडावळ -2021 के तहत संगोष्ठी में खनन विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि यूरोप की औद्योगिक क्रांति में मेवाड़ के वनवासियों का योगदान था।

डॉ.अरविंद शनिवार को अटारी पर आयोजित आडावळ संवाद हेनाण कार्यक्रम में खुदाई तकनीक अर धातु काढ़वा री वैज्ञानिक विधि विषय पर संबोधित कर रहे थे। 

डॉ.अरविंद कुमार ने राजस्थान में खुदाई की तकनीक, धातु निकालने की वैज्ञानिक विधि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मेवाड़ के पास आधुनिक वैज्ञानिक समझ ढाई हजार वर्ष पहले थी जिससे यहां का आम नागरिक जस्ता, चांदी और महत्वपूर्ण धातु निकालना जानता था। 

उन्होंने बताया कि यहां तक कि उसका तकनीकी रूप से वैज्ञानिक उपचार करने की विधि भी यहां का वनवासी जानता था, यही कारण था कि लंबे समय तक विदेशी आक्रमणकारी ने यहां हमला करा यह एक व्यापारिक मार्ग था जहां से शीशा और जस्ता यूरोप तक जाता था। 

डॉ. अरविंद ने बताया कि मध्य युग में यूरोप की औद्योगिक क्रांति हुई। कालांतर में हमारी अनदेखी के कारण हम उसे अधिक गति नहीं दे पाए और अंग्रेजों ने मौका देखते हुए उसका पेटेंट करवा लिया। यह विधि आज भी हमारे पास है डॉ अरविंद कुमार से चर्चा डॉ कृष्ण पाल सिंह ने की। 

 होगा लोक कलाओं पर संवाद 
राजस्थान साहित्य महोत्सव के आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए निदेशक डॉ एस एस जोलावास ने बताया कि रविवार शाम होटल यॉइस में राजस्थान की लोक कलाओं के साथ लोक कहानियों का वाचन, संगीत नृत्य और संवाद होगा।

अमी संस्थान के सचिव राजेश्वरी राणावत के अनुसार संवाद में फस्र्ट इंडिया टीवी के सीएमडी एवं ख्यातनाम पत्रकार जगदीश चंद्र बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करेंगे। वें देश के विकास में राजस्थान की भागीदारी बिजली रक्षा और व्यापार के क्षेत्र में योगदान विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे।


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