नई दिल्ली /राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किया गया अन्तिम राजस्थान का बजट केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्य सरकार ने अपने नाम से पेश किया है, यह केवल वाह वाही लूटने का प्रयास है, तथा चुनावी वर्ष होने के कारण प्रदेश की जनता को केवल झुठ के सपने दिखाये गये हैं- उपरोक्त बात चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने राजस्थान सरकार के चुनावी बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहीं।
इससे पहले राजस्थान का अभिभाषण पढ़ते हुये राज्य के मुख्यमंत्री ने गलती से पुराने बजट अभिभाषण की कॉपी को पढ़ लिया, यह राजस्थान के इतिहास में पहली बार हुआ तथा सरकार की कार्यप्रणाली तथा गोपनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता हैं, इससे सरकार की पारदर्शिता जो की विगत 4 वर्षों के दौरान जिस प्रकार से चल रही थी, उसको भी प्रमाणित करता हैं।
सांसद जोशी ने कहा कि राजस्थान की प्रदेश की सरकार ने अपने इस कार्यकाल के पहले और दूसरे साल में जो बजट में घोषणा की वो भी आज तक न तो आज तक प्रारंभ हो पायी हैं, और जो प्रारंभ हो पायी वो आज तक कभी धरातल पर नही दिखी हैं।
राज्य सरकार के द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रत्येक बजट में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं को अपने नाम से राज्य सरकार ने पेश करने का प्रयास किया मनरेगा से लेकर कृषि बजट में पेश की गई अधिकांश योजनाएं केंद्र सरकार की योजनाओं का ही अंश है, इसी प्रकार पर्यटन संस्कृति, स्वच्छ भारत मिशन, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लिए और हर घर जल के लिए स्वच्छ जल मिशन, समग्र शिक्षा अभियान, पीएम श्री योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जनजाति एकलव्य विद्यालय, राजिविका, वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग पेंशन योजना, कॉलेजों के लिये फंड, मेडिकल कॉलेज, ग्रामीण सड़के, मनरेगा भी भारत सरकार की ही योजना का हिस्सा है।
इस प्रकार गहलोत सरकार ने नया कुछ भी ना कर कर केंद्र की योजनाओं को अपने नाम से पेश किया है।
चिकित्सा, शिक्षा, किसान, युवा सभी क्षेत्रों में सरकार के पूर्व के वादे अधूरे हैं। इस बार फिर नए वादे करके लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम हो रहा है।
नौकरियों में नई भर्तियों के लिए घोषणा करना ठीक है परंतु अभी तक सरकार ने अभी तक जो भर्तियां आयोजित कि उनके परिणाम भी समय पर नहीं आ रहे, नकल के आरोपों का अंबार लगा है, इसी प्रकार चिकित्सा क्षेत्र में नए संस्थान खोलने की बात कर रही है परंतु वर्तमान चिकित्सालय में सुविधाओं का अभाव है। लोगों को लुभाने का काम कर रहे हैं ।
संविदाकर्मी व ठेकाकर्मियों को इस बजट में नई के लिए कुछ नही बोला बल्कि नयी योजना के नाम पर उनको एक बार पुनः भ्रामित कर दिया गया है।
डीजल पैट्रोल पर वैट, आम नागरिकों की सुरक्षा को भी इस बजट में पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।
पूर्व की विकास योजनाओं के लिए अभी तक ढांचागत सुविधा नही है।
इसके अलावा किसानों को लेकर विशेष बजट में कुछ भी नया नहीं है ।केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को सीधा उनके खाते में फायदा देने के लिए किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना का फायदा दिया है, जबकि इस बजट में अलग कृषि बजट का दावा किया है इसमें ऐसा कुछ भी विशेष नहीं है।
किसानों को सीधा व्यक्तिगत फायदा ना देकर अनुदान के नाम पर घुमाया जाएगा, धरातल पर इसके क्रियान्वित की संभावना बहुत कम है। किसानों को नए कृषि ऋण देने की बात कही लेकिन कभी भी किसानों से ऋणमाफी की बात नही की, जबकि इनके घोषणापत्र में किसानों की ऋणमाफी ही प्राथमिकता पर थी।
युवाओ के रोजगार के नाम पर उनको पुनः भ्रामित किया गया है, उनका बेरोजगारी भत्ता आज तक इंतजार कर रहा है, युवाओ से किये गए सारे वादे धरे के धरे रह गए है।
सांसद जोशी ने कहा की कांग्रेस सरकार का यह अंतिम बजट हैं तथा इस बजट के लोक लुभावने वादों को जनता पहले ही पुरी तरह से नकार चुकी हैं, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी केवल थोथे वादे प्रदेश की जनता पर थोपे गये हैं।