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जिलास्तरीय वन महोत्सव ने दिया अधिकाधिक पौधारोपण का संदेश

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26 Aug 19
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जिलास्तरीय वन महोत्सव ने दिया अधिकाधिक पौधारोपण का संदेश

चित्तौड़गढ़ /  सहकारिता एवं इन्दिरा गांधी नहर परियोजना मंत्री उदयलाल आंजना ने पर्यावरण के संरक्षण और इसके प्रति व्यापक जनचेतना को मौजूदा युग की सबसे बड़ी प्राथमिक जरूरत बताया है और कहा कि इसके लिए हम सभी को समर्पित प्रयासों में जुटने की आवश्यकता है।

सहकारिता मंत्री ने शनिवार को चित्तौड़गढ़  में जिला प्रशासन एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत जिला मुख्यालय पर गांधी नगर, दुर्ग तलहटी स्थित जैव विविधता वन में 70वें जिलास्तरीय वन महोत्सव में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए यह आह्वान किया।

इस अवसर पर पूर्व विघायक सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत, मांगीलाल धाकड़, संदीप शर्मा, रमेशनाथ योगी, पुरुषोत्तम झंवर, जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार, अतिरिक्त जिला कलक्टर(प्रशासन) मुकेश कुमार कलाल,  अतिरिक्त जिला कलक्टर (भूमि अवाप्ति) विनय पाठक, नगर विकास न्यास के सचिव  सीडी चारण, उपखण्ड अधिकारी विनोद कुमार, उप वन संरक्षक शशिशंकर पाठक सहित जन प्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, वन विभागीय अधिकारी एवं कार्मिक, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्कूली बच्चे एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

दीप प्रज्वलन से शुभारंभ, 15 जनों को किया सम्मानित

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने वन देवी एवं सरस्वती की तस्वीर को माल्यार्पण एवं इनके समक्ष दीप प्रज्वलित कर वन महोत्सव का शुभारंभ किया और वन संरक्षण एवं विकास में उल्लेखनीय कार्यों व उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 15 निजी व्यक्तियों एवं संस्थाओं वन र्कमियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

पौधारोपण कर किया अभियान का शुभारंभ

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने जैव विविधता वन में वट का पौधा लगाकर पौधारोपण अभियान का शुभारंभ किया। बाद में सभी अतिथियों, मीडियाकर्मियों एवं उपस्थितजनों ने पौधारोपण में भागीदारी निभायी।

लोक जागरुकता एवं भागीदारी जरूरी

वन महोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए सहकारिता एवं इन्दिरा गांधी नहर परियोजना मंत्री उदयलाल आंजना ने अधिक से अधिक पेड़ लगाने और उनके सुरक्षित पल्लवन के लिए वैयक्तिक जिम्मेदारी एवं सामाजिक फर्ज की भावना से काम करने का आहवान किया और कहा कि इसके लिए जन-जन में व्यापक जागरुकता संचार के साथ ही आम जन की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है।

पर्यावरण संरक्षण हो सर्वोच्च प्राथमिकता पर

उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि जिले में पेड़-पौधों की कटाई के मामलों में गंभीरता बरतते हुए पेड़ काटने वालों के खिलाफ सख्ती ये कार्यवाही अमल में लाए। आंजना ने जिले में अधिक से अधिक एनिकट बनाकर बरसाती पानी को जिले में ही रोकने पर जोर दिया और कहा कि केचमेंट एरिया में सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होने वाली बेहतर तकनीक को अपना कर एनिकट बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने पौधारोपण को जन अभियान बनाने पर बल दिया और कहा कि डीएमएफटी में स्वीकृतियां जारी करने से पूर्व पौधारोपण की अनिवार्यता पर भी गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जा सकता है।

पर्यावरण संतुलन के गंभीर प्रयास जरूरी

अपने उद्बोधन में पूर्व विधायक सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत ने सर्वत्र पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए कारगर प्रयासों पर जोर दिया और कहा कि अबकि बार प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध है, इसे देखते हुए सब जगह बड़े पैमाने पर पौधारोपण गतिविधियों को हाथ में लिया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग सहित तमाम विभागों और संस्थाओं से पुरजोर आग्रह किया कि सभी मिलकर पौधारोपण को जिले भर में व्यापक अभियान के रूप में क्रियान्वित करें।

हर इंसान कम से कम एक पेड़ जरूर लगाए

जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार ने वन महोत्सव की जरूरत बताते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और सभी प्रकार की पर्यावरणीय समस्याओं से मुक्ति के लिए इस तरह के अभियान सार्थक भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हर इंसान अपने पूरे जीवनकाल में कम से कम एक पेड़ लगाने का संकल्प पूरा कर दे तो पर्यावरण संरक्षण का मकसद अपने आप पूरा हो सकता है।

वृक्ष महिमा केन्दि्रत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहा

इस अवसर पर छात्राओं ने वन महोत्सव, वृक्ष संरक्षण एवं पर्यावरण चेतनापरक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मन मोह लिया। छात्रा खुशनुमा मंसूरी ने आंग्ल भाषा में वन महोत्सव के इतिहास, उद्देश्यों तथा महत्ता पर विचार व्यक्त किए। छात्रा मीना अहीर ने वन महोत्सव की आवश्यकता पर विचार रखते हुए पेड़ों की महिमा पर काव्य रचना प्रस्तुत की। विवेकानंद स्कूल की छात्राओं ने वृक्ष संरक्षण और पर्यावरण चेतना पर सुमधुर भाव नृत्य प्रस्तुत किया।

पौधे भेंटकर किया अतिथियों का स्वागत

उप वन संरक्षक शशि शंकर पाठक ने अतिथियों को पुष्पहार व पुष्पगुच्छ तथा पौधे भेंट कर स्वागत किया तथा वृक्षों एवं वनों से संबंधित ऎतिहासिक एवं पौराणिक संदर्भों युक्त महत्ता पर प्रकाश डाला और वनों के संरक्षण एवं विस्तार के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने सभी उपस्थितजनों को पर्यावरण रक्षा का संकल्प दिलाया

महोत्सव का संचालन मुख्य ब्लॉक शिक्षा अघिकारी श्रीमती कल्याणी दीक्षित ने तथा आभार प्रदर्शन उप वन संरक्षक शशि शंकर पाठक ने किया।

इनका हुआ सम्मान

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने चित्तौड़गड़ जिले में वनों की सुरक्षा विकास तथा वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले निजी व्यक्तियों एवं संस्थाओं वन र्कमियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। 

सहकारिता मंत्री आंजना ने जिलास्तरीय वृक्ष प्रहरी पुरस्कार सर्वोत्तम वन रक्षक राजेन्द्र मीणा(वन रक्षक - बोराव)  तथा सर्वोत्तम पशु रक्षक पुरस्कार भंवरलाल भील (बेलदार -चित्तौड़गढ़) को प्रदान किया। वन विकास का उत्कृष्ट कार्य करने हेतु जिला स्तरीय वृक्ष वर्धक पुरस्कार हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड चंदेरिया को दिया गया। यह पुरस्कार डॉ. चेतन खमेसरा ने ग्रहण किया।

सर्वोत्तम ग्राम सुरक्षा एवं प्रबंध के लिए जिला स्तरीय पुरस्कार इको डेवलपमेंट कमेटी नाहरगढ़ रेंज वन्यजीव बस्सी को दिया गया जबकि वन विकास के उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला स्तरीय वृक्षवर्धक पुरस्कार राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय बस्सी के प्रधानाध्यापक राजकुमार तौलंबिया को दिया गया।

जिला स्तरीय वृक्ष प्रहरी पुरस्कार तीन सर्वोत्तम वनपालों निम्बाहेड़ा रेंज के  नारायण शर्मा, चित्तौड़गढ़ रेंज के बिहारीलाल और बेंगू रेंज के दिनेश कुमार  को दिया गया। इसी प्रकार 6 वन रक्षकों को सर्वोत्तम वनरक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनमें भैरूराम सिंवर (कपासन रेंज), मेघनाथ (विजयपुर रेंज), विक्रमसिंह कसाणा (जावदा रेंज), सुनील उपाध्याय (बोराव रेंज), रामकिशोर सैनी  (रावतभाटा रेंज) और सांवरमल ढाका (बेंगू रेंज) शामिल हैं। सर्वोत्तम पशु रक्षक का पुरस्कार निम्बाहेड़ा रेंज के केटल गार्ड ताज मोहम्मद को दिया गया।


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