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एचडीएफसी बैंक द्वारा 16,600 से अधिक साइबर धोखाधड़ी जागरूकता वर्कशॉप्स आयोजित

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25 Apr 24
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एचडीएफसी बैंक द्वारा 16,600 से अधिक साइबर धोखाधड़ी जागरूकता वर्कशॉप्स आयोजित

उदयपुर।  एचडीएफसी बैंक, ने अपने डिजिटल बैंकिंग जागरूकता अभियान में पूरे भारत में सुरक्षित बैंकिंग कार्यशालाओं की एक पूरी सीरीज़ का आयोजन किया। एचडीएफसी बैंक ने सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रक्रियाओं पर 16,600 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की और इनमें 2,00,224 से अधिक नागरिकों को जागरूक किया गया। इस दौरान लोगों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से समझाया गया। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य स्कूल और कॉलेज के छात्रों, कानून लागू करने वाली एजेंसियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वयं सहायता समूहों, ग्राहकों और कर्मचारियों को शिक्षित करना था। इन इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से, सभी प्रतिभागियों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रक्रियाओं पर बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई जिससे वे भविष्य में अपने आप को साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने में सक्षम होंगे।
मनीष अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट- क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल - एचडीएफसी बैंक ने कहा कि कार्यशालाओं में वास्तविक और रोजमर्रा के जीवन के उदाहरण, कहानियां और वीडियो शामिल थे, जिससे प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तरीकों को समझने में मदद मिली और इस तरह की धोखाधड़ी से सुरक्षित रहने के टिप्स भी मिले। एचडीएफसी बैंक पिछले चार वर्षों से देश भर में विभिन्न स्थानों पर सुरक्षित बैंकिंग पहल के तहत साइबर धोखाधड़ी जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध व्यक्तियों और संगठनों के लिए समान रूप से एक गंभीर खतरा है। जागरूकता की कमी के कारण लोग साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए, सभी आम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना आवश्यक है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा किसी के साथ साझा न करें या नॉन-वेरिफाई लिंक पर क्लिक न करें। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तौर-तरीकों और सुरक्षित बैंकिंग प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना है जिनका उन्हें पालन करने की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न बनें। ये जागरूकता कार्यशालाएं एचडीएफसी बैंक के दृष्टिकोण और कोर वैल्यू यानी ग्राहक फोकस के अनुरूप हैं।
बैंक ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेनदेन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि ग्राहक ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो उन्हें तुरंत बैंक को अनधिकृत ट्रांजेक्शन की सूचना देनी चाहिए और भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए भुगतान मोड को ब्लॉक करवा देना चाहिए। ग्राहकों को गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शुरू की गई 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करनी चाहिए और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल  https://cybercrime.gov.in  पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए। 

 


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