दक्षिण भारतीय संगठित खुदरा विोता संघ (ओआरए) ने कहा है कि वह शाओमी के उप-ब्रांड पोको के व्यावसायिक व्यवहारों के संबंध में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करेगा। संगठन का आरोप है कि सेल फोन विनिर्माता कंपनी मुख्यधारा के वितरण नेटवर्क को फोन की आपूर्ति करने से बच रही है। ओआरए ने एक बयान में दावा किया कि पोको ऑनलाइन और तथाकथित रूप से अवैध चैनलों के माध्यम से उत्पाद तक उपभोक्ताओं की पहुंच कायम कर खर्च कम करने की कोशिश कर रही है। खुदरा निकाय ने यह भी कहा कि पोको भारत में रोजगार सृजन में योगदान नहीं दे रही है। कंपनी केवल तीन वितरकों और बिना किसी बिी प्रवर्तक के काम कर रही है। यह व्यवहार सैमसंग, वीवो और ओप्पो जैसे अन्य प्रमुख स्मार्टफोन ब्रांडों के विपरीत है। ओरा ने आरोप लगाया कि पोको का व्यावसायिक व्यवहार न केवल वैध बिी माध्यमों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इससे सरकारी खजाने को भी नुकसान पहुंचता है।