“आने वाला समय ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी का है। बजट में फ्यूल के विकल्प लिए सरकार द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के लिए 19 हजार करोड रुपये की सबसिडी का प्रावधान किया है। अतः इसमें निवेश करने वाले उद्यमियों को अर्ली स्टार्ट बेनिफिट मिलेगा“
उपरोक्त सुझाव सीए डाॅ. गौरव वल्लभ ने यूसीसीआई में उद्यमियों को दिया।
मानद महासचिव श्री मनीष गलुण्डिया ने बताया कि उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा चेम्बर भवन में “केन्द्रीय बजट 2023-24“ पर एक विश्लेषणात्मक वार्ता का आयोजन किया गया। सी.ए. डाॅ. गौरव वल्लभ द्वारा उपरोक्त विषय पर वार्ता प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में बडी संख्या में यूसीसीआई सदस्यों तथा उद्यमियों एवं व्यवसायियों ने भाग लिया।
अध्यक्ष श्री संजय सिंघल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि वित्तमंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केन्द्रीय बजट 2023-24 में उद्योग और व्यवसाय में अवसरों और चुनौतियों पर विश्लेषणात्मक वार्ता प्रस्तुत करने के लिये विषय विशेषज्ञ प्रो. गौरव वल्लभ उद्यमियों को सम्बोधित करेंगे।
यूसीसीआई की वित्त एवं कराधान उपसमिति के चेयरमैन सीए डाॅ. सतीशचन्द्र जैन ने विषय विशेषज्ञ प्रो. गौरव वल्लभ का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रो. गौरव वल्लभ ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से बजट का महत्व कम हो गया है क्योंकि उत्पाद का महंगा या सस्ता होना जीएसटी काउंसिल की बैठक में तय होता है। अतः बजट सरकार का अगले वर्ष का विजन डाॅक्यूमेन्ट होता है। प्रो. वल्लभ ने बजट से एक दिन पहले सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले आर्थिक सर्वेक्षण को महत्वपूर्ण बताया।
बजट में उद्योग जगत के लिये अवसरों पर चर्चा करते हुए कहा कि पूंजीगत खर्चों के लिये साढे दस लाख करोड रुपये का प्रावधान किया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेन्ट प्रोजेक्ट पर व्यय से उद्योग जगत को लाभ होगा। 45 दिन की भुगतान पाबन्दी से एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों को फायदा होगा।
चुनौतियों पर चर्चा करते हुए प्रो. वल्लभ ने कहा कि बजट में बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और आर्थिक असमानता पर नियंत्रण हेतु कोई उपाय नहीं बताये गये हैं।
ऽ मुद्रास्फीती और जीडीपी दोनों में 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इससे वास्तविक आर्थिक वृद्धि शून्य हो जाती है।
ऽ बजट में रोजगार सृजन हेतु कोई उपाय नहीं किये गये हैं। पूंजीगत खर्चों के लिये बजट रखा गया है जो कि अच्छा प्रावधान है परन्तु बजट में देश में बढती बेरोजगारी पर नियंत्रण हेतु कारगर प्रावधान किया जाना चाहिये था।
ऽ आयकर की नई योजना में व्यक्तिगत बचत को हतोत्साहित किया गया है।
ऽ “आम आदमी कमाये और खर्चा करे“ ऐसी सरकार की मंशा प्रतीत होती है जबकि भारत में सदैव बचत और निवेश का आधार रहा है जिससे आम आदमी कठिन समय में उक्त बचत एवं निवेशित आय का सहारा ले सकता है।
ऽ निजी निवेश में कमी को सरकारी निवेश के माध्यम से बैलेंस करने का प्रयास किया जा सकता है।
कार्यक्रम में प्रो. वल्लभ ने उद्यमियों द्वारा रखे गये प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया।
सीए निर्मल कुमार सिंघवी ने समापन टिप्पणी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के अंत में उपाध्यक्ष श्री दिलीप तलेसरा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
भवदीय,