वैज्ञानिकों ने छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुर्गा - मुर्गियों की एक ऐसी किस्म विकसित की है जो न केवल कुत्ते बिल्ली से अपनी रक्षा करने में समर्थ है बल्कि देखने में आकर्षक है तथा उसका मांस बेहद लजीज और अंडे देने की क्षमता बहुत अधिक है।पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद ने वर्षो के अनुसंधान के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता से युक्त मुर्गी की नई किस्म ‘‘वनश्री’ किसानों के लिए जारी की। यह किस्म आन्ध्र प्रदेश और तेलंगना में बहुतायत से पाई जाने वाली ‘‘असील ’ और एक विदेशी नस्ल के मुग्रे से क्रास कर विकसित की गई है। पीले - भूरे रंग की वनश्री बेहद आक्रमक और फुर्तीली है जो कुत्ते - बिल्ली से अपनी सुरक्षा करने में सक्षम है तथा मौका मिलने पर हमला करने से नहीं चूकती। इस प्रजाति के नर में पीछे लम्बे -लम्बे पंख होते हैं जिससे वह काफी आकर्षक लगता है। वनश्री को विकसित करने में अहम भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक चंदन पासवान ने बताया कि मुर्गी की यह प्रजाति सालाना 160 से 170 अंडे देने में सक्षम है। इसकी टांग और गर्दन काफी लम्बी होती है और वजन समय के साथ बढ़ता जाता है। किसानों के घर के पिछवाड़े पालने के लिए विकसित की गई वनश्री को विशेष चारे की जरूरत नहीं होती है। सुबह खुला छोड़ने के बाद यह खेत खलिहानों में अपना चारा खोज लेती है।