भारतीय दूरसंचार विनियामक प्रधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा है कि व्हाट्सऐप और स्काइप जैसी ओटीटी (ओवर-दी-टाप) सेवाओं को ट्राई के नियमों के दायरे में लाने पर कोई राय अगले माह के अंत तक तय की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ‘‘खुली सोच’ रखने और यूरोपीय माडल तथा अन्य देशों में अपनाए गए अच्छे उपायों को ध्यान में रख कर निर्णय करना होगा।शर्मा ने खास बातचीत में कहा कि ट्राई ने यूरोपीय संघ की नियामकीय संस्था (यूरोपीयन इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन कोड) और अन्य देशों में प्रचलित कुछ सबसे अच्छी व्यवस्थाओं का अध्ययन कर लिया है। इस मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंचते समय दुनिया में प्रचलित श्रेष्ठ व्यवस्थाओं को ध्यान में रखा जाएगा। ओटीटी ऐसी ऐप और सेवाओं को कहा जाता है जो इंटरनेट के जरिए हासिल की जाती है और दूसरे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के कंधे पर चलती हैं। लोकप्रिय व्हाट्सएप, विबर, हाइक और स्काइप जैसी सेवाएं इसी श्रेणी में आती हैं।ट्राई इस मुद्दे पर खुली र्चचाएं करा रहा है। इसके लिए बुधवार को एक कार्यक्रम बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है। इसी तरह का एक और कार्यक्रम जल्दी ही दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। शर्मा ने कहा, ‘‘हम इस बारे में खुली सोच के हैं। पहले की हर परिर्चचाओं के ही तरह इस बारे में भी हमने स्थापित प्रक्रिया का अनुपालन किया है। हो सकता है कि मई के अंत तक हम इस बारे में अपनी बात या विनियम तैयार करने में सफल हो जाएं।’ट्राई ने ओटीटी सेवाओं के बारे में परिर्चचा पत्र पिछले साल जारी किया था।