बाडमेर। छात्र कोर कागज है, जिसे गुरू अनेक रंगों से सजता है। शिक्षक और सडक एक समान है, उसका उपयोग करने वाला सदैव आगे बढता है। यह बात राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देरासर में मंगलवार को गुरूवंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विशनाराम बाकोलिया ने कही।
कार्यक्रम के प्रकल्प प्रमुख बाबूलाल गौड ने कहा कि हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मां पिता तथा गुरू से मिलती है। इनके बिना हमारी सफलता निराधार है। जीवन में इन तीनों के ऋणों से मुक्त होने का एक ही रास्ता है कि हम सदैव इनका वंदन करें।
विद्यालय के छात्रों की शिक्षा के प्रति जागरूक और जीवन में आगे बढने के टिप्स बताते हुए भारत को जानो प्रकल्प के प्रांतीय प्रभारी धनराज व्यास ने कहा कि नियमित अध्ययन और पुनरावृति से सफलता मिलती है। मंगलवार को परिषद के गुरूवंदन छात्र अभिनंदन के तहत २१ प्रतिभावान बालक-बालिकाओं को मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि विद्यालय विकास समिति के सदस्य इलियास अली, कार्यक्रम प्रायोजक सम्पतराज लूनिया ने तिलक किया और स्मृति चिन्ह प्रमाण-पत्र प्रदान कर अभिनंदन किया। कार्यक्रम की अगली कडी में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं द्वारा अपने प्रिय शिक्षकों का तिलक लगाया व परिषद की ओर से स्मृति चिन्ह अर्पण करते हुए चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के दौरान स्कूली बालिकाओं ने देश भक्ति गीत चंदन है इस देश की माटी का गान किया।
छात्र बक्शा खां ने अपने अनुभव पर बताया कि हम लोग कागज है तथा गुरू रूप के मां बाप और गुरू हमें सजाते है। संस्कारित शिक्षा के लिए आज का दिन याद रहेगा। कार्यक्रम के प्रयोजक सम्पत लूनिया द्वारा पर्यावरण यातायात नियमों की पालना करने का आह्वान किया। संस्था प्रधान दिलीप पनपालिया द्वारा परिषद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण बालकों को संस्कारित करने हेतु परिषद का यह सकारात्मक प्रयास है जो इनके नैतिक आचरणों को बदलने में सहायक होंगे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव किशोर कुमार शर्मा ने भारत विकास परिषद के केंद्रीय संचालन से लेकर बाडमेर शाखा की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि सेवा और संस्कार से ही मानव मूल्यों की पहचान स्थापित होती है। कार्यक्रम में विद्यालय विकास समिति के सदस्य असगर अली, हाजी लियाकत, शिक्षक सहित विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित रहे।
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