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प्राचार्य ने पीपीटी के माध्यम से बताया कॉलेज का इतिहास और वर्तमान

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17 Jan 24
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प्राचार्य ने पीपीटी के माध्यम से बताया कॉलेज का इतिहास और वर्तमान

बांसवाडा। श्री गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय के मूल्यांकन के लिए पहुंची नेक की टीम ने मंगलवार को दिनभर अलग-अलग चरणों में पड़ताल की। दल में शामिल तीनों ही सदस्यों ने महाविद्यालय के पूरे परिसर का भ्रमण किया और एक-एक साधन सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। महाविद्यालय परिसर में पहुंची टीम का मुख्य द्वार पर तिलक लगाकर परंपरागत रूप से स्वागत किया गया। दल में  कुलपति ज्वाहरलाल तकनीकी विवि हैदराबाद प्रो. सत्यनारायण सिरासनी, कुरुक्षेत्र विवि हरियाणा से  प्रो. सीपी सिंह एवं वरदा महाराष्ट्र जीएस कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अरुंधती निनावे ने कॉलेज के वातावरण व हरियाली देखकर प्रसन्नता जताई। इसके बाद प्राचार्य कल्याणमल सिंघाड़ा ने पीपीटी  के माध्यम से महाविद्यालय की वर्षभर की गतिविधियों आयोजनों तथा प्रारंभ से लेकर वर्तमान स्थिति तक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनजाति क्षेत्र में संचालित महाविद्यालय विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर परिणाम देता आया है। साधन सुविधाओं के अभाव के बावजूद महाविद्यालय का परीक्षा परिणाम, खेल गतिविधि सहित अन्य क्षेत्रों में अव्वल रहा है। दल में शामिल तीनों ही शिक्षाविदों ने महाविद्यालय में संचालित सभी विभागों का निरीक्षण किया। साथ ही व्याख्याता द्वारा पब्लिकेशन शोध व अन्य विषयों से जुड़े सवाल-जवाब किये। इस दौरान संस्कृत विभाग में प्रो. राजेश जोशी द्वारा गत पाँच वर्षों में लिखी गई  12 पुस्तकों एवं उनके विविध शोध पत्रों व अन्य कार्यों पर गहन चर्चा की। उन्होंने संस्कृत विभाग के वातावरण और वहां प्रस्तुत की गई जानकारी पर भी संतुष्टता दिखाई। इस अवसर पर डॉ. जोशी ने अपनी  भगवद्गीता आचारशती की पुस्तकें तीनों निरीक्षकों को भेंट की। इस दौरान ऑनलाइन प्रवेश गत वर्षों के परीक्षा परिणाम,  इनडोर व आउट डोर खेल सुविधा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, अभिभावक संगम बैठक, शोध, पाठ्यक्रम जैसे अहम जानकारी भी जुटाई। चित्रकला विभाग के सह आचार्य डॉ. लक्ष्मण सरगडा के निर्देशन में छात्रों द्वारा तैयार किये चित्रों और साज सज्जा को देखकर तीनों अधिकारी मंत्रमुग्ध हो गए। 

 

वर्तमान और पूर्व छात्र से हुए रूबरू

नेक मूल्यांकन दल ने  वर्तमान के साथ-साथ ही पूर्व छात्रों के साथ भी संवाद किया। इस दौरान उन्होंने महाविद्यालय के विषय में विद्यार्थियों से जानकारी जुटा अकादमी के साथ ही सहशैक्षिक गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। पूर्व छात्रों से उनके अनुभव तथा महाविद्यालय में विकास के विषय में भी दल ने सवाल पूछे और जवाब को उन्हें बिंदुवार अंकित किया। आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. शफकत राणा, डॉ. नीरज श्रीमाली, प्रकाश किंकोड और नैक स्टीयरिंग कमेटी के प्रो. सीमा भूपेन्द्र, प्रो. भूपेन्द्र शर्मा, प्रो. अंजना रानी, प्रो. किरण पुनिया, प्रो. राजेश जोशी, सहायक आचार्य रामरज सिंह, प्रो. आशीष, डॉ. फतहसिंह भगोरा, रतनपाल डोडीयार ने सभी गतिविधियों में सक्रिय रहकर सहयोग किया।

 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां 

महाविद्यालय की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय एवं परंपरागत गीत नृत्यों व संगीत पर विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। सदस्यों ने विद्यार्थियों की सांस्कृतिक प्रतिभा की हौसला अफजाई की।अन्त में चित्रकला के लब्धस्वर्ण पदक छात्र अजय जैन द्वारा स्कैच किये गये नैक दल के तीनों अधिकारियों के चित्र बनाकर भेंट किये। 


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