बांसवाड़ा, ईस्टर्न फाउंडेशन ऑफ आर्ट एंड कल्चर के छठी वार्षिक अंतरराष्ट्रीय आर्ट प्रदर्शनी में वागड़ की युवा प्रतिभा एवं आर्टिस्ट सुमन जोशी की कलाकृतियों का चयन हुआ है। विविध रंगों एवं कला के अनूठे मिश्रण के साथ निर्मित सुमन की यह कलाकृतियां अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी।
ईस्टर्न फाउंडेशन ऑफ आर्ट एंड कल्चर की छठी वार्षिक अंतरराष्ट्रीय आर्ट प्रदर्शनी एक्ट कनेक्ट रिफ्लेक्ट-4 ऑनलाइन आयोजन हुआ है। इस वर्चुअल आर्ट प्रदर्शनी में देश-विदेश के प्रसिद्ध कलाकारों की कलाकृतियों का चयन हुआ हैं। इस कला प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कलाकार पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने कहा कि इस कठिन परिस्थितियों में सृजनात्मक वातावरण की सतत् आवश्यकता हैं, जिसमे कलाकारों का योगदान अविश्वनीय और समाज को दिशा देने वाला हैं।
वागड़ की कला संस्कृति पर बनाई कलाकृतियां:
सुमन ने वागड़ की कला-संस्कृति व पर्यटन की मुख्य धारा को केंद्र में रखकर कई कलाकृतियां बनाई हैं, जिसका चयन इस प्रदर्शनी में हुआ हैं। प्रदर्शनी में उनके 2 कार्यो का चयन हुआ हैं, जो पूर्ण रूप से मौलिक एवं समकालीन कार्य हैं। उनके चित्रों में गणेश, बुद्ध की उपस्थिति देखी जा सकती है। सुमन कहती हैं कि भारतीय समकालीन कला में महिला कलाकारों की स्थिति पहले से मजबूत हुई है और वे बेहतर काम कर अपनी पहचान मजबूत कर रही हैं। ऑल इंडिया फाइन आर्ट सोसाइटी व हाल ही में जयपुर में कलागुरु देवकीनन्दन शर्मा सम्मान से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
युवा चित्रकार सुमन का परिचय:
बाँसवाड़ा में जन्मी सुमन जोशी वागड़ अंचल की जानीमानी समकालीन चित्रकार हैं और इस कला में अनूठे नवाचार कर रही हैं। इस कलाकार को बचपन से ही उपयुक्त माहौल मिला, साथ ही संगीत, नृत्य, साहित्य और चित्रकारी का प्रशिक्षण भी, लेकिन सुमन ने चित्रकारी का रास्ता चुना। उन्होंने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से कला में स्नातकोत्तर किया और पेंटिंग प्रदर्शनियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। 2017 में आयोजित जयपुर कला महोत्सव के बाद वह लगातार सृजन कार्य में कार्यरत हैं।
महिला कलाकार स्व. वीरबाला भावसार ने किया प्रभावित:
वागड़ की ही महिला कलाकार स्वर्गीय वीरबाला भावसार के विचारों का उनके जीवन पर खासा प्रभाव पड़ा, जिसे उन्होंने चित्रों की सिरीज ‘जल रंग को पेपर‘ में उतारा। इसी तरह वागड़ में कला पर्यटन की दिशा में ऑटो सीरीज का सृजन किया। उन्होंने ‘सिटी टूरिज्म‘ सिरीज पेंट की। उनका कहना है कि चित्रों में रंगों का अपना गुण है, रंग विषय को दर्शाने में मदद करता है. वो अक्सर सतह पर गहरा रंग लगाना पसंद करती हैं जिससे चित्र उभर कर आए।
जल रंगों की कुशल चितेरी
जहां कई कलाकार तेल रंग से ऐक्रेलिक रंगों की ओर कूच कर गए क्योंकि उसे बरतना ज्यादा आसान और सहज है। वहीं सुमन आज भी जल रंग में ही चित्र बनाना पसंद करती हैं।
सुमन अब तक कई एकल व समूह प्रदर्शनियों में देश में भाग ले चुकी हैं. साथ ही उनके चित्र राजस्थान ललित कला अकादमी (जयपुर), चित्तौड़गढ आर्ट फेस्टिवल (चित्तौड़गढ), सहित कई कला वीथिकाओं के निजी कलेक्शन का हिस्सा हैं।