बांसवाड़ा / जिले में शुक्रवार को विश्व हाईपरटेंशन डे मनाया गया। चिकित्सा संस्थानों में ब्लड प्रेशर संबंधित जानकारियां दी गई। कैम्प लगाकर आने वाले लोगों की बीपी जांच की गई। शहर के जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र में इस दिवस के उपलक्ष में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में जिला कार्यक्रम अधिकारी एनसीडी डॉ. केजी टेलर ने कहा कि हाईपरटेंशन के प्रभाव से शरीर के कई अंग प्रभावित होते है। पक्षाघात, डिमेंशिया, किडनी फेलियर, विजनलॉस आदि होना हाईपरटेंशन के रोगी का उपचार नहीं होने के ही कारण है।
उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण के लिए आमलोगों में जागरुकता और नियमित जांच जरूरी है। संगोष्ठी में वरिष्ठ मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ देवेश गुप्ता एवं डॉ श्याम गुदरसिया ने भी उच्च रक्तचाप के लक्षण, जटिलताएं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने हाइपरटेंशन के बारे में बताया कि हाई ब्लड प्रेशर वह स्थिति होती है, जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव, फास्ट फूड, व्यायाम की कमी, धूम्रपान का सेवन आदि शामिल है। हाईपरटेंशन बढ़ने से इसका असर शरीर के मुख्य अंगों जैसे, ब्रेन, किडनी, हृदय, आंख आदि पर होता है। डिप्टी सीएमएचओ डॉ रमेश शर्मा ने भी छात्रों को संबोधित किया। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी शिविर लगा कर ब्लड प्रेशर की जांच की गई। इस दौरान विभाग के चिकित्सक और विद्यार्थी मौजूद रहे।