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कुपोषण दूर करने की दिशा में प्रयासों पर बांसवाड़ा कलक्टर भगवती प्रसाद को लीडरशीप अवार्ड

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12 Oct 18
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कुपोषण दूर करने की दिशा में प्रयासों पर बांसवाड़ा कलक्टर भगवती प्रसाद को लीडरशीप अवार्ड बांसवाड़ा| कुपोषण का दंश झेल रहे जनजाति बहुल बांसवाड़ा जिले में महिला एवं बाल विकास विभागीय कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही नवाचारों के माध्यम से मातृ व शिशु कल्याण कार्यक्रमों में नेतृत्व प्रदान करने के लिए बांसवाड़ा कलक्टर भगवती प्रसाद को राष्ट्रीय लीडरशीप अवार्ड के लिए चयनित किया गया है। देश के श्रेष्ठ 12 जिलों में राजस्थान से एकमात्र जिले का चयन किया गया है।
नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित समारोह में यह पुरस्कार बांसवाड़ा कलक्टर की ओर से जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. भंवरलाल ने प्राप्त किया।
प्राप्त जानकारी अनुसार जिले को निम्न कारणों से राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान दिया जा रहा है। जिले में कुपोषण के कारण होने वाली मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए नवाचार के रूप में पुकार कार्यक्रम को लागू करते हुए गर्भवतियों और शिशुओं के नियमित टिकाकरण की मॉनिटरिंग की वही नियमित पोषाहार वितरण करवाने के लिए चिकित्सा और आईसीडीएस विभागीय कार्मिकों को प्रोत्साहित किया। जिले में मातृ व बाल कल्याण कार्यक्रमों को प्रभावी गति देने के लिए आंगनवाड़ी सशक्तिकरण अभियान को लागू किया और आंगनवाड़ी केन्द्रों की दशा सुधारी।
जिला कलक्टर के प्रयासों से राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत आमजन में अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से प्रचार प्रसार करते हुए मिशन की गतिविधियों को अंजाम दिया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा घर-घर जाकर एनिमिया से होने वाली हानियों से अवगत कराया गया। नियमित रैलियों व हल्ला बोल बैठकों का आयोजन किया गया।
जिले के 2 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों और विभागीय कार्यकर्ताओं के माध्यम से जिले में पोषण अभियान के तहत 11 हजार से अधिक किचन गार्डन्स का निर्माण करवाते हुए ग्रामीणों महिलाओं में पोषण युक्त हरी सब्जियों के दैनन्दिन भोजन के प्रति चेतना जाग्रत की गई।
विद्यालयों व महाविद्यालयों में पुकार बैठकों के आयोजन के साथ कुपोषण के विरूद्ध जनचेतना जाग्रत करने व पोषण युक्त भोजन के प्रति जनमानस तैयारकर ऑनलाईन डेशबोर्ड पर जानकारियांे का संधारण किया गया।
जिले में 1896 आशाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में रैलियां निकाली। जिले के 17 आरकेएसके काउंसलर्स ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में जाकर पोषणं संबंधित जनकारी दी। आरबीएसके टीम ने विद्यालयों में जाकर स्वास्थ्य संबंधित जनकारियां दी। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी पोषण गतिविधियों सहित अच्छे संदेश, बैनर आदि पोस्ट कर प्रचार-प्रसार किया गया। चिकित्सा विभाग की ओर से आईईसी बांसवाड़ा नाम से फेसबुक पेज चलाया जा रहा है, जिस पर 5 हजार लोग जुड़े हुए है। पीसीपीएनडीटी की ओर से आयोजित बेटी पंचायत में पोषण माह की गतिविधियों की जानकारी दी गई। इसके द्वारा सीधे 18 हजार लोगों को सीधे पोषण की जानकारी दी गई। पोषण संबंधित कार्यों का समग्र रूप से आंकलन किया गया। इस बांसवाड़ा जिले की इन गतिविधियों के माध्यम से कलेक्टर को देश के टॉप 12 जिलों में स्थान मिला।
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