उर्से अला हजरत अशरफी के अवसर पर खानकाह अशरफिया शैख़े आज़म सरकार-ए- कलां में आयोजित आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड की सालाना जनरल मीटिंग में बोर्ड के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ ने सभी राज्य स्तर शाखाओं के कामों की समीक्षा की।
आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड की सालाना जनरल मीटिंग में विभिन्न राज्यों से आए बोर्ड शाखाओं के अध्यक्ष, सचिव व अन्य बोर्ड के सदस्यों ने अपनी सालाना कारकर्दगी रिपोर्ट प्रस्तुत की। मीटिंग में उत्तर प्रदेश की कई शाखाओं के अलावा विशेषकर राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, बिहार, बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, कश्मीर आदि शाखाओं ने विशेष रूप से भाग लिया और राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ के सामने अपनी सालाना कारकर्दगी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शाखाओं की कमियों को लेकर आगाह भी किया और नए निर्देश भी जारी किए।
जिसका सार है:
(1) राज्य स्तर की शाखाएँ अपना कानूनी सेल तैयार करें जिससे न केवल जेलों में बंद शोषित बेगुनाह युवकों के केस लड़े जा सकें बल्कि उन्हें रिहा भी कराया जा सके। राज्य, जिला, तहसील और ब्लाक स्तर पर वकीलों से संपर्क किया जाए और उन्हें इस काम के लिए तैयार किया जाये। अल्हम्दुलिल्लाह महाराजगंज शाखा के अध्यक्ष मौलाना बरकत हुसैन मिस्बाही और मध्य प्रदेश समन्वयक काजी मोहम्मद नोमान ने यह काम शुरू भी कर दिया है।
(2) बाढ़, तूफान, भूकंप, दुर्घटनाएं जैसी आपदा के लिए चैरिटी को बढ़ावा दिया जाए जैसा हाल ही में मुंबई शाखा ने कोकण बाढ़ पीड़ितों को लाखों रुपये का राहत सामान पहुंचाया और इससे पहले कई शाखों ने कोरोना आपदा में मदद का काम किया।
(3) जो लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं उन्हें बुनियादी मशीनरी, उपकरण, जैसे रिक्शा, गाड़ी और साइकिल प्रदान किया जाए।
(4) हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, कॉलेज और नर्सरी की स्थापना की जाए, मुस्लिम बच्चियों की परदे के साथ शिक्षा के लिए महिला कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले जाएं, अल्हम्दुलिल्लाह राजस्थान के हनुमानगढ़ और उत्तर प्रदेश के संभल में ऐसे इंस्टीट्यूशन का काम जारी है ।
(5) मुस्लिम युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाए और इस उद्देश्य के लिए रोजगार केंद्र स्थापित किए जाएँ ।
(6) जहां बोर्ड शाखाएं स्थापित हैं उन्हें सक्रिय और जहां स्थापित नहीं वहां नई शाखाएं की स्थापित की जाएं ।
(7) सभी शाखाएं अपना मीडिया सेल बनायें और अपनी कारकर्दगी मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुँचा कर अधिक जनता को बोर्ड से जोड़ें।
(8) सभी शाखाएं देशविरोधी गतिविधियों का विरोध करें और इसमें शामिल सभी संगठनों को हतोत्साहित करते रहें ।
बैठक में बोर्ड के ज़िम्मेदारान मौलाना मकबूल अहमद सालिक मिस्बाही, मौलाना हबीबुर रहमान अल्वी, कारी अबूल फतह, मौलाना मोहम्मद रमजान नईमी, मौलाना नूरानी कश्मीरी, मौलाना बरकत हुसैन, सय्यद राशिद अनवर, आफताब आलम, जनाब उमर फारूक, मौलाना गुलाम मुस्तफा, काजी मोहम्मद नोमान, मौलाना रईस अजहरी, हाजी मोहम्मद शकील, जनाब मोहम्मद ओवैस, मौलाना मोहम्मद हसन, मौलाना हसीब, हाफिज माशूक़, जनाब वाजीब जरगर, जनाब मोहम्मद फिरोज, जनाब जहीर अहमद, मुफ्ती मोहम्मद ताजुद्दीन, मौलाना मोहम्मद अजीम अशरफ दिल्ली ऑफिस के अलावा अन्य ने भाग लिया।