श्रीगंगानगर भारतीय रेलवे ने सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए अनेक अहम फैसले लिए हैं जेडआरयूसीसी सदस्य भीम शर्मा ने बताया कि इन फैसलों में घाटे वाली ट्रेनों को बन्द करना पहले से ही तय है।
इसके अलावा मेल/ एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों के वे ठहराव भी समाप्त हो जाएंगे जहां यात्रीभार नहीं है या दूसरी तरह कहें की ट्रेन में यात्री तो दिखाई दे रहे हैं लेकिन खिड़की से टिकट बिक्री नहीं हुए।
रेलवे के इस फैसले का कारण बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री भी हैं, जिनकी वजह से अब उन लोगों को इसकी सजा भुगतनी होगी जो सदैव टिकट लेकर यात्रा करते रहें हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार जिन स्टेशनों पर 50 टिकट से कम की बिक्री है, वहां करीब 41 स्टेशन पर पैसेंजर ट्रैन के ठहराव पूरी तरह से समाप्त होंगे । इस संबंध में रेल मंत्रालय ने कड़ा फैसला लिया है अगर बात करें श्रीगंगानगर क्षेत्र की तो इस क्षेत्र में चलने वाली कुछ रेलगाड़ियों के अनेक ठहराव रेल मंत्रालय के इस फैसले की भेंट चढ़ जाएंगे। इनमें श्रीगंगानगर-तिलकब्रिज-श्रीगंगानगर, अबोहर-जोधपुर, जोधपुर-लालगढ़ ट्रैन के अनेक ऐसे स्टेशन शामिल हैं। दूसरी ओर अनेक पैसेंजर ट्रैनों को मेल/एक्सप्रेस का दर्जा दिये जाने की भी तैयारियां चल रही हैं।
बड़ी मुश्किल से हुए थे स्वीकृत
श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र के अनेक स्टेशनों पर ठहराव स्वीकृत करवाने के लिये सांसद श्री निहालचंद ने रेलवे बोर्ड में अथक प्रयासों से ठहराव स्वीकृत करवाये थे। रेलवे के वाणिज्य विभाग की पिछले कई महीनों की रिपोर्ट के बाद ही रेलवे को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा। इसकी दो ही वजह मानी जा रही हैं , या तो ठहराव समाप्त किये जाने वाले स्टेशनों पर पर्याप्त यात्रीभार नहीं था , या यात्रियों द्वारा बिना टिकट यात्रा करने की प्रवृत्ति रही।