Udaipur . अल्जाइमर खतरनाक दिमागी बीमारी है जो ज्यादातर 50 साल की उम्र के बाद लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन कभी कभी लोगों में 30 या 40 साल के लोगों में भी इस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
डॉ. मनीष कुलश्रेष्ठ, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी, पारस हेल्थ, उदयपुर का कहना है कि अल्जाइमर मनुष्य के मस्तिष्क की कोशिकाओं को धीरे-धीरे नष्ट कर देती हैं और व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है। हालांकि शुरुआती स्तर पर यह ज्यादा खतरनाक नहीं होती I इसमें व्यक्ति को थोड़ी भूलने की समस्या होती है और कुछ घटनाओं और लोगों के नाम को अल्जाइमर से पीड़ित लोग भूलने लगते हैं, परंतु उसके बाद अल्जाइमर रोग में भ्रम की स्थिति और बढ़ जाती है I उसके साथ ही रोगी अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भी भूलने लगता है
I उसके दैनिक कार्यो में कठिनाई उत्पन्न होती हैIजैसे वह बेचैन होने लगता है, उसे खाना खाने में, नहाने धोने में भी परेशानी होने लगती है और वह दैनिक कार्यों के लिए भी दूसरों पर निर्भर हो जाता है। इस बीमारी के कारण मूलतः अज्ञात होते हैं। इसके लिए निम्न कारक उत्तरदाई हो सकते हैं, जैसे -बढ़ती उम्र( 70 से 80 साल), शिक्षा की कमी, जन्मजात कारण, साथ में डायबिटीज उच्च रक्तचाप होना, तथा अनियमित जीवनशैली। हालांकि इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है परंतु यदि उसकी अच्छी देखभाल की जाए ,उसका ख्याल रखा जाए, उसकी दिनचर्या नियमित रूप से सही हो, खाद्य पदार्थों में भरपूर पोषण युक्त भोजन, व्यायाम, सुबह जल्दी उठने की आदत, रात को जल्दी सोने जैसी चीजों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। यदि आप इस प्रकार से ख्याल रखेंगे तो बीमारी पर कुछ हद तक नियंत्रण पा सकते हैं Iपरंतु पूरी तरीके से यह बीमारी जड़ से खत्म नहीं होती इसके लिए आप डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं और उसी के अनुरूप मरीज का ख्याल रखें।