उदयपुर, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एंडोक्राइन विभाग एवं पोषण एवं आहार विज्ञान विभाग की ओर से “पोषण जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.एम.एम. मंगल,पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ.यू.एस.परिहार,मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.गिरीश वर्मा, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ.आर.के.शर्मा,डॉ.सौरभ गुप्ता,डायटिशियन ज्योति जैमन,मनीषा व्यास एवं आयुषी कसेरा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया।
कार्यक्रम में डायटिशियन ज्योति जैमन ने “पोषण के सच और मिथक” विषय पर एक ज्ञानवर्धक शैक्षणिक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि पोषण के बारे में समाज में कई भ्रांतियां प्रचलित हैं, जिन्हें वैज्ञानिक तथ्यों के माध्यम से दूर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार और सही पोषण न केवल स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि विभिन्न बीमारियों से बचाव में भी सहायक होता है।
इसके बाद पैनल चर्चा का आयोजन किया गया, जिसका विषय था “रोगों की रोकथाम और उपचार में आहार की भूमिका।” इस पैनल में प्रमुख रूप से एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ गुप्ता ने मधुमेह और थाइरॉयड जैसी एंडोक्राइन बीमारियों में उचित आहार के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार सही डाइट प्लान से मरीजों की जीवन गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
पैनल में शामिल अन्य विशेषज्ञों और आहार विशेषज्ञों ने भी पोषण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं, जैसे मोटापे, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों में आहार की भूमिका, और बच्चों तथा बुजुर्गों के लिए विशेष पोषण आवश्यकताएं।
एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ.आर.के.शर्मा ने इस दौरान कहा कि पोषण पर सही जानकारी और जागरूकता से न केवल व्यक्तियों का जीवन बेहतर हो सकता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य व्यवस्था में भी सुधार आता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरणा का कार्य करते हैं।
कार्यक्रम के अंत में शैक्षणिक चर्चा के बाद पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उत्कृष्ट प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में शिक्षकों को सम्मानित कर उनके योगदान को सराहा गया। इस अवसर पर सभी विभागों के चिकित्सक उपस्थित रहे।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय में पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और संतुलित आहार की महत्ता को उजागर करना था। कार्यक्रम में मेडिकल स्टाफ और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और स्वस्थ जीवन के लिए पोषण की जानकारी प्राप्त की।