उदयपुर, भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक हॉस्पिटल में एक जटिल मेडिकल केस में आधुनिक तकनीक ’थोरेकोस्कोपी’ द्वारा सफलतापूर्वक सटीक निदान कर मरीज को राहत प्रदान की गई। इस प्रक्रिया को श्वसन रोग विशेषज्ञ एवं इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ.अतुल लुहाड़िया एवं उनकी टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
दरअसल बांसवाड़ा निवासी 62 वर्षीय मरीज को पिछले एक महीने से लगातार खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के चलते पीएमसीएच में डॉ.अतुल लुहाडिया की यूनिट में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक जांच में फेफड़ों के बाहर स्थित प्लूरा (सीने की झिल्ली) में तरल पदार्थ (पानी) जमा होने की पुष्टि हुई।
डॉ.अतुल लुहाड़िया ने बताया कि पहले सुई के माध्यम से पानी निकालकर उसकी जांच की गई, लेकिन बीमारी का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। इसके बाद मरीज की थोरेकोस्कोपी करने का निर्णय लिया। यह एक आधुनिक और मिनिमल इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें दूरबीन जैसी तकनीक से फेफड़ों और सीने की अंदरूनी सतह की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान मरीज के सीने में काफी मात्रा में पानी और गांठें (नोड्यूल्स) पाई गईं। पानी को निकाला गया और गांठों की बायोप्सी ली गई।
डॉ.लुहाड़िया ने बताया कि थोरेकोस्कोपी में ओपन सर्जरी की तुलना में जटिलताएं कम होती हैं, मरीज को पूरी तरह बेहोश नहीं किया जाता, चीरा भी छोटा लगता है और अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि एवं खर्च भी काफी कम होता है।
इस पूरी प्रक्रिया में डॉ.अतुल लुहाड़िया के साथ डॉ.निश्चय भारद्वाज,डॉ.अरविंद,डॉ. ऋचा,डॉ.ड्यू,तकनीशियन लोकेन्द्र,दीपक एवं नर्सिंग स्टॉफ राम प्रसाद की टीम ने अहम भूमिका निभाई।
पेसिफिक हॉस्पिटल के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने बताया कि हॉस्पिटल का उद्देश्य केवल चिकित्सा सेवा देना ही नहीं, बल्कि जरूरतमंदों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क या किफायती दर पर उपलब्ध कराना भी है। इस प्रकार की सेवाएं क्षेत्र के गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। गौरतलब है कि पेसिफिक हॉस्पिटल में थोरेकोस्कोपी जैसी आधुनिक प्रक्रिया निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, जो चिकित्सा के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल है।