उदयपुर, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की ओर से ‘ट्रिबूट टू पीडियाट्रिक सर्जरी ऐक्सिलेन्स‘ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला पीडियाट्रिक सर्जरी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान,नवीन तकनीकों एवं समर्पित सेवाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से आयोजित की गई।
कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ.एम.एम.मंगल,पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ.यू.एस.परिहार,चिकित्सा अधीक्षक डॉ.सुनीता माहेश्वरी,सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ.एच.पी.गुप्ता,स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.राजरानी शर्मा,कार्यशाला चेयरपर्सन डॉ.प्रवीण झंवर एवं सचिव डॉ.अर्पित ओबेरॉय ने दीपप्रज्वलन करके किया।
इस अवसर पर पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल और कार्यकारी निदेशक अमन अग्रवाल ने पीडियाट्रिक सर्जरी के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की सराहना की।
उद्घाटन के इस असवर पर डॉ.एम.एम.मंगल ने कहा कि पीडियाट्रिक सर्जरी केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं बल्कि यह समाज की सबसे संवेदनशील और ज़रूरतमंद नवजात और बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने का माध्यम है।
इस दौरान कार्यशाला के चेयरपर्सन डॉ.प्रवीण झंवर ने सभी अतिथियो का स्वागत करते हुए कहा कि पीडियाट्रिक सर्जरी न केवल चिकित्सा का एक तकनीकी क्षेत्र है, बल्कि यह सैकड़ों बच्चों और उनके परिवारों के लिए आशा और नई ज़िंदगी की किरण बन चुकी है। इस कार्यशाला के माध्यम से हम सभी विभागों के आपसी सहयोग को सशक्त बनाकर एक समग्र उपचार पद्धति को बढ़ावा देना चाहते हैं।
इस अवसर पर कार्यशाला सचिव डॉ.अर्पित ओबेरॉय ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन केवल ज्ञानवर्धक नहीं होते, बल्कि यह हमें भावनात्मक रूप से भी बच्चों और उनके संघर्षों से जोड़ते हैं। यह हमें अधिक मानवीय और संवेदनशील बनाते हैं।
प्रातः 9 बजे से शाम 4 बजे तक तक आयोजित इस कार्यशाला में चली पीडियाट्रिक सर्जरी से जुड़ी विभिन्न पहलुओं जैसे नवजात शिशु सर्जरी,पीडियाट्रिक एनेस्थीसिया की चुनौतियाँ,रेडियोलॉजी की भूमिका,पैथोलॉजी और डायग्नोसिस की कड़ी,फिजियोथेरेपी का सहयोगात्मक पक्ष एवं बाल सर्जरी में मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत पर शहर के अनुभवी विशेषज्ञों ने अपने अनुभव,केस स्टडीज़ और नवीनतम शोधों को साझा किया। इस दौरान इंटरेक्टिव सेशन्स,रिडल क्विज और ओपन डिस्कशन फोरम का भी आयोजन किया गया।