गीतांजली इन्स्टिटियूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज, डबोक, उदयपुर के कलेक्टर एवं भारतीय नौसेना के वरिश्ठ अधिकारी व उनकी टीम ने विद्याथियों को देष सेवा तथा नौ सेना में अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की षुरूआत उदयपुर कलेक्टर श्री विश्णुचरण मलिक तथा भारतीय नौसेना के वरिश्ठ अधिकारी कोमडर भूपेष तातेड एवं कोमडर तिवारीन दीप प्रज्जवलन के साथ की।
संस्थान के डायरेक्टर डॉ विकास मिश्र ने बताया कि कलेक्टर उदयपुर व नेवी आफिसर की सुयंक्त टीम ने विद्यार्थियों को उनके करियर के लिए प्रोत्साहित किया इस दौरान श्री मलिक ने कहा कि जिस लक्ष्य को आप पाने चाहते उसके पूरी तरह से प्रतिबद्ध होना पडेगा क्योंकि अधुरी सफलता कभी आफ सपने को पूरा नहीं कर सकती हैं। साथ ही आपको अपने अधुरे सपनों के साथ जीना पडेगा। कलेक्टर श्री मलिक ने भारतीय नौ सेना व अन्य सेनाओं के योगदान की प्रषंसा करते हुए छात्रों को सेना से जुडने के लिए प्रेरित किया।
भारतीय नौसेना अधिकारीकोमडर भूपेष तातेड ने इण्डियन नेवी इस देष तथा देष वाषियों के लिए क्या कर रही हैं उस पर प्रकाष डाला । साथ ही इन्जिनियरिंग के लिए नेवी में अवसरों पर चर्चा करते हुए कहा कि इण्डियन नेवी में इन्जिनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए अवसरों की भरमार ह। आज के आधुनिक रक्षा उपकरणों के ऑपरेषन रखरखाव तथा नये रक्षा उपकरणों के बनाने में अलग-अलग ब्रान्च के इन्जिनियर अलग-अलग भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा नेवी में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि सवा सौ करोड हिन्दुस्तानी चैन से सो सके यह जिम्मेदारी हमारी हैं। उल्लेखनीय है कि ये भारतीय नौसेना अधिकारीमुम्बई से लेह तक की यात्रा देष वाषियों के मन में देष प्रेम की भावना की अलख जगाने के लिए कर रहे हैं। कोमडर तातेड विस्तार से इन्जिनियर्स के लिए नौसेना से जुडने के विभिन्न क्षेत्रों को विस्तार से चर्चा की उन्होनें यह भी बताया कि नौ सेना इन्जिनियर्स को एक चुनौतीपूर्ण एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करने का अवसर देता हैं। उन्होनें समुद्र डोकयार्ड जहांज आदि क्षेत्रों में इन्जिनियर्स के लिए उपलब्ध रोजगार के अवसरों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी इस अवसर पर उन्होनें ने विद्यार्थियों को देष के प्रति समर्पित होने के लिए प्रोत्साहित किया तथा बताया कि सषक्त सेनाओं में कार्य करना किसी भी भारतीय के लिए गर्व की बात हैं।
इस संगोश्ठी में वित्त नियंत्रक बी.एल.जांगिड सहित सभी विभागाध्यक्ष व फेकल्टी मेम्बर्स ने भारतीय नौसेना अधिकारियों के विचारों तथा रहन सहन से ओत-प्रोत हुए।
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