जहां एकओर देश के प्रधान सेवक जल सरक्षण एवं स्वच्छता को महत्व दे रहे हैं वही इनसे संबंधित आम जन की सुविधाओं के लिए कई योजनाएं भी संचालित कर रखी है . इन योजनाओं का लाभ खासो आम तक पहुंचाने के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च भी कर रही है तथा संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी समय-समय पर निर्देश जारी करती है किंतु इसका असर भिंडर पंचायत समिति के विकास अधिकारी और यहां के कुछ जनप्रतिनिधियों पर नहीं दिखाई दे रहा है जी हां हम बात कर रहे हैं पंचायत समिति भिंडर की मोड़ी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को हो रही दुविधाओं की पंचायत समिति भिंडर के विकास अधिकारी जितेंद्र सिंह राजावत के ग्राम पंचायतों में विकास के नाम ढिंढोरा पीटने की आखिरकार पोल मोड़ी ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने खोल ही दी मोड़ी ग्राम पंचायत को आदर्श पंचायत का दर्जा मिला हुआ है किंतु वहां आदर्श जैसा वास्तविकता में कोई दिखता नहीं सिर्फ कागजों में ही सीमित है l
वहां के ग्रामीणों को पेयजल समस्या ] शौचालय निर्माण प्रोत्साहन राशि समय पर नहीं मिलना ] खाद्य सुरक्षा सूची में त्रुटि जैसी कई समस्याओं से ग्रामीणों को जूझना पड़ रहा है किंतु न तो पंचायत के जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और ना ही भिंडर पंचायत समिति के विकास अधिकारी ग्रामीणों का कहना है कि इस बारे में पंचायत प्रशासन से लेकर के विकास अधिकारी तक को कई बार समस्या समाधान की मांग की जा चुकी है किंतु उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पेयजल हेतु पनघट योजना के तहत राशि स्वीकृत हुए करीब 3 साल हो गए किंतु वहां पानी भरने की कोई सुविधा सुचारू नहीं की गई है यहां तक कि पास ही एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में कुई बनी हुई है जो भी पूर्णतया जीर्ण-शीर्ण हो रही है उसमें भरे हुए पानी मैं कचरा पड़ा हुआ है जिसे देख ऐसा प्रतीत होता है वह कोई पेय जल स्त्रोत नहीं होकर कोई कचरा पात्र हो वहां पर मवेशियों के पानी पीने के लिए एक प्याऊ बनाई गई थी वह भी टूटी पड़ी हुई है समस्या समाधान की मांगों को लेकर ग्रामीणों का लगातार प्रदर्शन जारी है और विकास अधिकारी को मौके पर बुलाने एवं समस्या
समाधान की मांग की जा रही है किंतु अभी तक कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा है महिलाओं ने समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए मटके फोड़ कर विरोध प्रदर्शन किया और ग्रामीणों ने चोर पंचायत हाय हाय ] विकास अधिकारी हाय हाय ]
आदर्श पंचायत हाय हाय ] मोड़ी पंचायत हाय हाय के नारे भी लगाए उनका कहना है कि पानी की भारी समस्या है दूर से पानी लाने को मजबूर हैं तथा स्वच्छता के नाम पर धोखा है ना तो नालियां निर्माण करवाई गई है ना ही सही रोड बनाए गए हैं जो नालियां बनी है वह भी मिट्टी से अटी पड़ी है जिन से पानी निकलना संभव नहीं है
इतना सब कुछ होते हुए भी शनिवार को जब दुरभाष से विकास अधिकारी से ग्रामीणों ने बात करने की कोशिश की तो पहले तो फोन रिसीव तक नहीं किया फिर संतोषजनक जवाब तक नहीं दिया तो उन पर सवालिया निशान लगना वाजिब लगता है सवाल उठता है कि आखिर 3 साल पहले स्वीकृत हुई राशि और अब तक पनघट योजना चालू नहीं होना ]स्वछता के नाम पर कागजों में पूर्ति ] खस्ता हाल मार्ग ] आखिर कौन है जिम्मेदार क्या कमीशन खोरी का खेल तो नहीं ऐसे कई सवाल खासो आम के मन में उठ रहे हैं
आपको बता दें कि शनिवार को भी ओवरलोडिंग वाहनों एवं खस्ता हाल मार्गो की समस्याओं को लेकर के महिलाओं में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया था और समस्या समाधान हेतूथाना और विकास अधिकारी को सूचित किया किंतु उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला था इस पूरे घटना क्रम में सरपंच और सचिव गए वहीं उप सरपंच मुकेश जाट ग्रामीणों के साथ उपस्थित उपसरपंच मुकेश जाट से उप सरपंच के तौर पर अधिकारियों को सूचित करवाने की बात पूछे जाने पर जाट ने कहा कि मुझे उपसरपंच होने पर शर्म महसूस होने लगी है ] मैं शर्मिंदा हूं कि मैं मोड़ी ग्राम पंचायत का उपसरपंच हूं उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा सभी
प्रयास किया जा चुके हैं यहां तक की विकास अधिकारी से लेकर के उच्च अधिकारियों तक भी इसकी सूचना दी जा चुकी है लेकिन कोई समस्या समाधान नहीं हुआ हम जनप्रतिनिधि हैं] हमें जनता ने वोट दिया है] अब हम क्या जवाब दें जनता को
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