*महोली में भारतीय मुद्रा पर भृष्टता का बैन
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14 Feb 17
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रामजी मिश्र 'मित्र'उत्तर प्रदेश (सीतापुर)/ महोली में दस दस के सिक्के न लिए जाने की वजह से एक किसान को गेहूँ की सिचाई ही रोक देनी पड़ी। बेटी की शादी में सारा पैसा लग गया तो गेहूँ की सिचाई के लिए उधार पैसे माँगे लेकिन उसकेे सिक्के नहीं चलते कह कर नहीं लिए गए। और गेहूँ की फसल को सीचना अब सम्भव नहीं था। ये कहानी है महोली में दस दस के सिक्कों की। दस दस के सिक्के भले ही हर जगह आसानी से चल रहे हों लेकिन महोली में ये लोगों की परेशानी बन कर उभरे हैं और इसकी वजह है अधिकारियों की उदासीनता। यूँ तो मुद्रा हर किसी को अच्छी लगती है लेकिन दस दस के सिक्के महोली में लगातार न लिए जाने के कई वाकये लगातार सामने आते जा रहे हैं और अफवाहों के चलते अब यह किसी को रास नहीं आ रहे। हालात यह हो चुके हैं कि गरीबों को डरा धमका कर ये सिक्के थमा दिए जाते हैं लेकिन उनसे ये सिक्के लेने के लिए कोई आसानी से तैयार नहीं होता है। महोली के भिरिया पेट्रोल पम्प पर एक किसान को सिक्कों से डीजल देने से मना कर दिया गया और बताया गया यह सिक्के चलते ही नहीं हैं। किसान की सूचना पर पेट्रोल पम्प कर्मचारी से बात की गई तो उसने फिर से सिक्के लेने से मना कर दिया। इस संबंध में किसान ने अपनी बेटी की शादी के बाद ये पैसे बड़ी मुश्किल से सिंचाई हेतु व्यवस्था की बात मैनेजर से कही। लेकिन पम्प के मैनेजर ने समस्या हमारी भी तो समझो कह कर सिक्के लेने से स्पष्ट मना कर दिया। इसके बाद किसान को अपने खेत की सिंचाई ही रोक देनी पड़ी। इस संबंध में तहसील महोली के एस डी एम अतुल से महोली में सिक्के न चलने का कारण पूँछा गया तो उन्होंने पुलिस को जानकारी देने की नसीहत दी। जब महोली कोतवाली के नंबर पर जानकारी दी गई तो पुलिस अधिकारी रंजना सचान ने बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए बताया "पुलिस का काम है शांति व्यवस्था बनाना और यह सूचना राजस्व को दी जाए।" जब इस बाबत में उनसे महोली में सिक्के न लेने वाले भिरिया पेट्रोल पम्प का उल्लेख किया गया तो उनका जवाब था अभी तो व्यस्त हैं लौटेंगी तब देख लेंगी। इन जवाबों के बाद महोली में ये सिक्के आखिर खुले आम न लिए जाने की वजह लगभग साफ़ थी। क्षेत्र में जिम्मेदारों और अधिकारियों की उदासीनता के चलते सबसे अधिक दिक्कत किसानों और मजदूरों को हो रही है। भारतीय मुद्रा को भ्रष्टाचार का अनावश्यक लगाम लगता जा रहा है जिस पर हर एक जिंम्मेदार जानबूझकर टाल मटोल करता नजर आ रहा है। भले ही भारत सरकार दस दस के सिक्के जारी किये हुए है लेकिन महोली में यह सिक्के बड़ी मुश्किल से चल रहे हैं। हाल ही में सिक्के बंद होने की अफवाह फैली थी जिसके बाद मीडिया जगत में इस अफवाह के खिलाफ कई खबरें भी प्रकाशित की थीं। जब सिक्के आसानी से चलना शुरू हुए तो असली और नकली सिक्कों की बात फैलने लगी। हालांकि सभी सिक्कों के असली होने की बात के बाद हालात भले ही हर जगह सुधरे हों लेकिन महोली में स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है। महोली में दस दस के सिक्के न चलने की अफवाह आखिर कब थमेगी ये सवाल लगातार बना हुआ है। फिलहाल मौजूदा हालात और अधिक्कारियों के रवैये से दस के सिक्के लोगों की परेशानी की वजह बन रहे हैं।
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