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राजसमन्द में आधी दुनिया का हुनर मेला हुआ सम्पन्न,

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24 May 17
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राजसमन्द में आधी दुनिया का हुनर मेला हुआ सम्पन्न, महिलाओं और बालिकाओं को हुनरमन्द बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर जिन्दगी की राह प्रदान करने के मकसद को लेकर राजसमन्द के भिक्षु निलयम में आयोजित आठ दिवसीय पण्डित दीनदयाल उपाध्याय बालिका उत्थान शिविर का औपचारिक समापन मंगलवार को हुआ। इसका आयोजन महिला संरक्षण समिति कोटा, राजसमन्द नगर परिषद एवं भारत विकास परिषद द्वारा विभिन्न संस्थाओं और समाजों के सहयोग से किया गया। इसमें राजसमन्द एवं आस-पास के क्षेत्रों की 1200 से अधिक बालिकाओं और महिलाओं को विभिन्न प्रकार के हुनरों का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
शिविर समापन अवसर पर जिला कलक्टर श्री प्रेमचन्द बेरवाल ने शिविर में प्रशिक्षण पाने वाले संभागियों से कहा कि वे सुनहरा भविष्य पाने के लिए जीवन लक्ष्य का निर्धारण कर अभ्यास के प्रति समर्पित रहें और पूरी ईमानदारी तथा कर्तव्यपरायणता के साथ कार्य करें। इसके साथ ही बालिकाओं से कहा कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें। राजसमन्द में हुए उत्थान शिविर को उन्होंने भविष्य निर्माण के लिए वरदान बताया।
जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लें
जिला कलक्टर ने केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं के उत्थान के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि वे खुद भी लाभ लें तथा औरों को भी जागृत करें।
स्वच्छ भारत का सपना साकार करें
इस अवसर पर नगरपरिषद सभापति श्री सुरेश पालीवाल ने स्वच्छता के महत्व को बताते हुए बालिकाओं से कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप अपने गली-मोहल्लों को स्वच्छ रखने में योगदान दें तथा कचरे का व्यवस्थित निस्तारण करें।
उन्होंने कहा कि अपने जिले को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार के साथ-साथ आम लोगों की भागीदारी की भी महती आवश्यकता है।
श्री पालीवाल ने नगरपरिषद तथा केरियर पोईन्ट संस्थान के माध्यम से कपड़े से बने बेग वितरित करते हुए कहा कि प्लास्टिक बेग से परहेज करें तथा स्वच्छता में अपना योगदान दें।
रंगारंग प्रस्तुतियों ने मोहा मन
शिविर समापन अवसर पर जयपुर से आए टीवी कलाकार तथा डांस इण्डिया डांस फेम जतिन की नृत्य प्रस्तुति ने पूरे पाण्डाल को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान बालिकाओं द्वारा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियांे ने समा बांध दिया। राजस्थानी लोक गीतों की धुनों पर बालिकाओं ने आकर्षक नृत्यों की प्रस्तुति दी। जिससे पूरा पाण्डाल गूंज उठा और रह-रहकर करतल ध्वनि से दाद दी।
अन्त में बालिकाओं के सभी समूहों के प्रशिक्षकों को स्मृति चिह्न तथा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया और उनकी सेवाओं की सराहना की।
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