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संसद सत्र 26 से; सरकार को 'हंगामे' की चिंता

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10 Nov 15
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बिहारचुनावों में करारी हार के बाद केंद्र सरकार और भाजपा में सुगबुगाहट तेज हो गई है। कोई संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान को तो कोई पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर दोष मढ़ रहा है। लेकिन संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हार की सामूहिक जिम्मेदारी लेते हुए कहा, 'विपक्ष की एकजुटता की वजह से हारे। किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।'
इस बीच, बिहार के भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण और अश्विनी चौबे ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी का समर्थन किया है। मांझी ने भागवत के बयान को हार की बड़ी वजह बताया है। हालांकि, जेटली का कहना है, 'किसी एक बयान से हार-जीत तय नहीं होती। हमें लगता था कि गठबंधन में हरेक घटक अपना वोट एक दूसरे को ट्रांसफर नहीं कर पाएगा। यह आकलन गलत रहा। महागठबंधन में शामिल पार्टियों के सभी वोट एक-दूसरे को ट्रांसफर हुए।'
बिहार चुनावों के नतीजों की पृष्ठभूमि में भाजपा के संसदीय बोर्ड की सोमवार को बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई नेता मौजूद थे। नतीजों की समीक्षा के बाद शाह संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मिले।

उन्हें हार को लेकर पार्टी के आकलन की जानकारी दी।
कैबिनेट की संसदीय समिति की बैठक में सोमवार को संसद के शीत सत्र की तारीखें तय हुईं। सत्र 26 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। विपक्ष के तेवर और आक्रामक हैं। दादरी, असहिष्णुता जैसे मुद्दे भी उसके पास हैं। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, 'सरकार को कामकाज का तरीका बदलना होगा। यदि संविधान के दायरे में रहकर काम नहीं करेगी तो आगे भी फेल होगी।' वहीं, संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, 'बिहार का जनादेश संसद में हंगामे के लिए नहीं है। हम तमाम मुद्दों पर बहस को तैयार हैं।'
मुझे मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाते तो नतीजे कुछ और होते : शत्रुघ्न
भाजपासांसद शत्रुघ्न सिन्हा के तेवर अब भी तीखे बने हुए हैं। सोमवार को वे नीतीश कुमार को बधाई देने पहुंच गए। एक न्यूज चैनल से कहा कि यदि उन्हें बिहार में मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में पेश किया होता तो शायद चुनाव के नतीजे कुछ और होते। उन्होंने कहा- 'मैं शेखी नहीं बघार रहा हूं। लेकिन मैं महसूस करता हूं कि जब बिहारी लोगों का लाड़ला, धरतीपुत्र, वास्तविक बिहारी बाबू को जान-बूझकर किनारे लगा दिया गया तो इसका निश्चित ही मेरे समर्थकों और प्रशंसकों पर बुरा प्रभाव पड़ा।' उन पर कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, 'सिन्हा बिहार में पार्टी के खिलाफ साजिश में शामिल रहे हैं। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।'
बिहार में हार के बाद मोदी की नजर बंगाल और उत्तरप्रदेश पर है। इन राज्यों में अगले बरसों में चुनाव होने हैं। मोदी ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिए हैं कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि बदले की राजनीति हो रही है। बिहार की किसी भी योजना में कटौती नहीं होनी चाहिए।
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