GMCH STORIES

कैग का आरोप- रॉबर्ट वाड्रा को अनुचित लाभ पहुंचायाभूपेंद्र सिंह हुड्डा ने

( Read 2985 Times)

26 Mar 15
Share |
Print This Page
चंडीगढ़ । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस की पिछली सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने डीएलएफ के साथ जमीन समझौते में रॉबर्ट वाड्रा को अनुचित लाभ पहुंचाया। वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुडग़ांव जिले के मानेसर में साल 2008 में 3.5 एकड़ जमीन डीएलएफ के हाथ 58 करोड़ रूपए में बेची थी। हुड्डा सरकार की मंजूरी से इस जमीन के भूमि उपयोग में परिवर्तन (सीएलयू) के बाद इसे डीएलएफ को बेच दिया गया। हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को कैग की रपट पेश की गई जिसके मुताबिक, विशेष आवेदक (वाड्रा की कंपनी) को अनुचित लाभ देने की संभावना खारिज नहीं की जा सकती। रपट में हुड्डा सरकार द्वारा वाड्रा की कंपनी को विशेष महत्व देने पर भी सवाल उठाया गया है। हुड्डा सरकार ने अपनी तरफ से सीयूएल के लिए तत्काल मंजूरी प्रदान करके वाड्रा के प्रति एक तरह से आभार जताया। वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को अवैध बताते हुए इसे रद्द करने का आदेश दिया था। यह विवाद तब राष्ट्रीय मुद्दा बन गया, जब विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार दिल्ली तथा दिल्ली के आसपास विवादित भूमि सौदों में वाड्रा की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि वाड्रा ने दिल्ली के निकट हरियाणा के चार जिलों -गुडग़ांव, पलवल, फरीदाबाद (शेष पेज 8 पर) तथा मेवात- में जमीनें खरीदी थीं। खेमका ने आरोप लगाया था कि वाड्रा के जमीन सौदों से राज्य को करोड़ों रूपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने साल 2005 के बाद वाड्रा की कंपनी द्वारा खरीदे गए सभी जमीनों के सौदे की जांच के आदेश दिए। लेकिन हुड्डा सरकार ने वाड्रा को क्लिन चिट दे दी और इस आदेश के लिए खेमका पर ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
This Article/News is also avaliable in following categories : National News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like