स्मरण गोष्ठी का आयोजन
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27 Jan 15
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उदयपुर, नगर की साहित्यिक संस्था प्रसंग संस्थान की ओर से वरिष्ठ कवि समालोचक एवं चिंतक नंद चतुर्वेदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर ‘स्मरण’ शीर्षक से भावांजलि कार्यक्रम राजस्थान विद्यापीठ के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित किया जिसमें विभिन्न शैक्षिक एवं साहित्यिक संस्थाओं के प्रतिनिधिगण, साहित्यकारों ने नंद चतुर्वेदी के कृतित्व को याद किया।
गीतकार किशन दाधीच ने कहा कि साहित्य के माध्यम से श्री चतुर्वेदी ने समाज को एक विचार एवं ऊर्जावान वातावरण दिया है। गीतकार दाधीच ने सस्वर गीत भी पढ़ा। इस मौके पर वरिष्ठ कहानीकार डॉ. राजेन्द्र मोहन भटनागर, समालोचक डॉ. नवल किशोर, लोक साहित्यविद् डॉ. महेन्द्र भाणावत, मोहनलाल सुखाडि़या के प्रो. माधव हाड़ा, डॉ. फारूक बक्षी, डॉ. जयप्रकाश पंड्या ‘ज्योतिपुंज’, कला-समीक्षक एवं प्रसंग के सदस्य डॉ. ए.एल. दमामी, अदबी संगम के श्री इकबाल सागर, सर्वतुन्निसा खान, मुश्ताक चंचल, कवयित्री डॉ. मधु अग्रवाल, व्याख्याता डॉ. चंद्रकांता बंसल, डॉ. नवनीत प्रिया शर्मा, तनिमा की संपादिका-श्रीमती शकुंतला सरूपरिया, गौरी शंकर गर्ग ‘सदानंद’ आदि ने नंद बाबू पर संस्मरण व्यक्त किये।
कार्यक्रम का संचालन प्रसंग संस्थान के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. इन्द्रप्रकाश श्रीमाली ने किया। मीरा कन्या महाविद्यालय की हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजु चतुर्वेदी ने अपने ‘कवि-पिता दा’ को भावपूर्ण शब्दों में याद किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रसारणकर्मी श्रीमती विनोद अडानिया, प्राध्यापिका डॉ. मृदुला त्रिवेदी, डॉ. रजनी चतुर्वेदी, डॉ. मंजु त्रिपाठी, डॉ. वीना सनाढ्य, डॉ. निर्मल गर्ग, डॉ. रजनी चतुर्वेदी, डॉ.शशि साँचीहर, डॉ. इन्द्रा जैन, डॉ. शिल्पी टंडन, डॉ. रीना श्रीमाली, डॉ. सुयश चतुर्वेदी, श्रीमती सुमन, तृप्ति एवं आदर्श चतुर्वेदी, प्रसंग के पदाधिकारी जयंत श्रीमाली, दिनेश सुराणा, नरेश श्रीमाली, चिन्मय, हिमालय तहसीन आदि कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। अंत में जगदीश पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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