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पृथ्वीराज नगर में भ्रष्टाचार की एसीबी जांच तुरंत कराई जाये - गहलोत

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09 Feb 16
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जयपुर । पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने नगरीय विकास मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत द्वारा पृथ्वीराज नगर में जेडीए द्वारा की गई गड़बडि़यांे की जांच एसीबी से कराने के बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि इस मामले में बिना कोई देरी किए मंत्री को आगे बढ़ना चाहिए।
श्री गहलोत ने आज यहां जारी अपने बयान में कहा कि मैं समय-समय पर राज्य सरकार को इस दिशा में आगाह करता आ रहा हूं कि पृथ्वीराज नगर का भ्रष्टाचार एक दिन जेडीए के गले की घंटी बनेगा। नगरीय विकास मंत्री ने खुद अब मेरे आरोपों को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि सेक्टर रोड़ और रोड़ अलाईनमेंट्स के नाम पर जेडीए में भयंकर भ्रष्टाचार व्याप्त है। उच्च न्यायालय के निर्देशों तक की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज नगर में खाली पड़ी भूमि पर सुविधा क्षेत्र हेतु नियमानुसार 40 प्रतिशत जमीन छोड़ी जा नही चाहिए मगर इसकी बजाय जानबूझकर मिलीभगत के जरिये सुविधा क्षेत्र हेतु कम जमीन छोड़कर तथा अधीनस्थ अधिकारियों की राय को दरकिनार करते हुए काॅलोनियों का नियमन किया गया है।
श्री गहलोत ने कहा कि पृथ्वीराज नगर योजना में उन्हीं गृह निर्माण सहकारी समितियों के काॅलोनी के कैम्प लगाये जा रहे हैं जो सहकारी समिति या विकास समिति जेडीए अधिकारियों के निजी स्वार्थों की पूति कर रहे हैं। इसी योजना में ऐसी काॅलोनियों के कैम्प भी लगाये जा रहे हैं जो पूरी तरह खाली भूमि पर हाल ही में काटी गई हैं और पृथ्वीराज नगर में 1999 से पूर्व काटी गई काॅलोनियों के नियमों का लाभ देकर ऐसी काॅलोनियों के नियमन कैम्प लगाये जा रहे हैं। इनमें 60-40 के अनुपात में छोड़े जाने वाले सुविधा क्षेत्र के प्रावधान को भी नजर अंदाज किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशानुसार पृथ्वीराज नगर में 1000 वर्गगज से अधिक के प्लाॅट के नियमन के लिए 75 प्रतिशत भूमि जेडीए को समर्पित की जानी आवश्यक है एवं 25 प्रतिशत भूमि का ही नियमन किया जायेगा। मिलीभगत से इस नियम से बचने के लिए 1000 से अधिक वर्गगज के प्लाॅट्स को छोटे-छोटे प्लाॅट में सृजित कर जेडीए द्वारा नियमन कर दिया गया है।
श्री गहलोत ने बताया कि कम कीमत की समर्पित भूमि के बदले मिलीभगत से पाॅश काॅलोनी में मुआवजा भूमि दी जा रही है। जगतपुरा से बस्सी लिंक रोड़ (200 फीट सेक्टर रोड़) के लिए अवाप्त/समर्पित भूमि के बदले मुआवजे में दी जाने वाली विकसित (20$5 प्रतिशत) भूमि पत्रकार काॅलोनी में आवंटित कर दी गई। दोनों स्थानों की भूमि की कीमत में जमीन आसमान का अंतर है।
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