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उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार की आवश्यकता: - राज्यपाल श्री कल्याण सिंह

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10 Feb 16
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उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार की आवश्यकता: - राज्यपाल श्री कल्याण सिंह नई दिल्ली, राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा व्याख्याता पदों हेतु नेट जैसी परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक किया हुआ है, जो भावी शिक्षक को शोध की दिशा में तो तैयार करती है, परन्तु शिक्षण जैसे विशिष्ट कार्य हेतु तैयार नहीं करती है। उन्होंने कहा कि भावी शिक्षकों को शिक्षण हेतु प्रभावी प्रशिक्षण दिये जाने के संबंध में नीति बनाया जाना समीचीन होगा।
राज्यपाल श्री सिंह मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपाल सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। सम्मेलन में देश के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी, प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और उपराज्यपाल मौजूद थे।
राज्य की उच्च शिक्षा के बारे में जानकारी देते हुए श्री सिंह ने बताया कि राज्य में प्रत्येक राजकीय विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत एक-एक गाँव को गोद लेकर ‘स्मार्ट विलेज‘ के रूप में विकसित किया जा रहा है। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बेहतर संवाद व उच्च शिक्षा से संबंधित समस्याओं पर विचार विमर्श की दृष्टि से कुलपति समन्वय समिति की नियमित बैठक आयोजित की जा रही है। राजस्थान के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोहों में गाउन के स्थान पर भारतीय परिवेश के परिधान का प्रयोग आरंभ कर दिया गया है।
राज्यपाल ने बताया कि परीक्षाओं में छात्रों द्वारा दिए जाने वाले उत्तर के सापेक्ष उचित प्राप्तांक दिए जाने हेतु एक विस्तृत मार्किंग स्कीम तैयार करने व सत्रा 2015-16 से कड़ाई से लागू किये जाने हेतु व्यापक निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्यपाल श्री सिंह ने कहा कि ‘‘ मैं यह महसूस करता हूँ कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने की दृष्टि से परीक्षा के क्षेत्रा में व्यापक सुधार किए जाने की अत्यन्त आवश्यकता है। वर्तमान परीक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों के अंक उसके ज्ञान को सही परिलक्षित नहीं करते हैं। विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में सतत मूल्यांकन एवं ऑनलाइन परीक्षा जैसे तत्वों का समावेश किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों को पाठ्यक्रमों के निर्धारण करते समय बाजार व नियोक्ता की मांग को विशेष रूप से ध्यान में रखे जाने की आवश्यकता है।
श्री सिंह ने कहा कि सबके लिए आवास हेतु राज्य में विभिन्न योजनाऐं क्रियाशील हैं। नगरीय क्षेत्रों में शहरी गरीब परिवारों को आवास की उपलब्धता एक गम्भीर समस्या है। राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से ऐसे परिवारों को आवास उपलब्ध कराये जाने को प्राथमिकता दी गई है।
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘मुझे यह कहते हुए हर्ष है कि माननीय प्रधानमंत्राी जी की स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना को साकार करते हुए प्रदेश वर्तमान वित्तीय वर्ष में 14 लाख 93 हजार के लक्ष्य के विरूद्व अब तक 16 लाख 48 हजार व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कर प्रथम स्थान पर है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में 1 हजार 128 ग्राम पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो चुकी है। ‘‘
श्री सिंह ने कहा कि राज्य में बेरोजगार युवाओं को रोजगार, स्व-रोजगार एवं कौशल प्रशिक्षण के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने हेतु कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग का गठन किया गया है। गत दो वर्षोें में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 6 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार एवं कौशल प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। राजस्थान को कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्रा में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला है।
राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान शौर्य व स्वातंत्र्य प्रेम के प्रतीक महाराणा प्रताप की जन्म स्थली व कर्म स्थली रहा है। राजस्थान की वीरप्रसूता भूमि के कण-कण में वीरता व मातृभूमि हेतु बलिदान की कहानियां व्याप्त है।
श्री सिंह ने कहा कि वीरता व साहस की इसी परम्परा को निभाते हुए आज भी राजस्थान की मिट्टी में जन्में वीर सैनिक भारत की सीमाओं की रक्षा में जुटे हुए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान क्षेत्राफल की दृष्टि से देश का सबसे बडा राज्य है। यहां की समृद्ध परंपरायें, अद्भुत स्थापत्य कला, भौगोलिक विविधता व आतिथ्य सत्कार की भावना दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है।
श्री सिंह ने कहा कि राजस्थान राज्य की पड़ौसी देश पाकिस्तान से सबसे लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमा जुडी हुई है। सीमा क्षेत्रा के चार जिलों श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर के कुछ स्थानों के अलावा थार रेगिस्तान का बहुत ही कठिनाइयों भरा हुआ, रेतीला एवं अल्प जनसंख्या वाला क्षेत्रा है। पाक सीमा पर रात्रिकालीन कर्फ्यू, आसूचना चौकियों का सुदृढ़ीकरण, तारबन्दी व फ्लड लाइटिंग्स कार्य, संदिग्ध व्यक्ति पूछताछ केन्द्रों की स्थापना, सामूहिक गश्त व नाकाबंदी, सुरक्षा बलों को आधुनिक हथियार उपलब्ध कराना, सुरक्षा एजेन्सियों में समन्वय हेतु संयुक्त कार्यबलों की बैठक आदि कदम उठाये गये हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रा में आंतरिक व बाह्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए पाकिस्तान की सीमा से लगते राज्य के जिलों में सिविल व पुलिस प्रतिष्ठानों को और मजबूत किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुर्गम मरूस्थलीय क्षेत्रा होने के कारण इन जिलों में बुनियादी ढ़ांचे व संचार प्रौद्योगिकी को सुदृढ़ किया जाना अत्यावश्यक हो गया है। श्री सिंह ने अपराधी तत्वों द्वारा नवीन तकनीकों के प्रयोग एवं साइबर अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस व सुरक्षाबलों के तकनीकी रूप से उन्नयन व प्रशिक्षण की तत्काल आवश्यकता है। आधुनिक व सुरक्षित रेडियो दूरसंचार प्रणाली को बेहतर बनाये जाने, अच्छे किस्म के वाहन, बुलेटप्रूफ जेकेट्स व नवीनतम आग्नेयास्त्रा पुलिस व सुरक्षाबलों को तत्काल उपलब्ध कराये जाने हेतु केन्द्र सरकार से पर्याप्त आर्थिक सहायता अपेक्षित है।
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