जैसलमेर। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) प्रिंसिपल बैंच ने ग्रामीण डाक सेवकों की १८४५ याचिकाओं को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को केंद्रीय कर्मचारी के समान वेतन भत्ते तथा समस्त सुविधाएं देने का फैसला दिया है। कैट ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ९ दिसंबर, २०१४ के उस आदेश की पालना में दिया है, जिसमें ग्रामीण डाक सेवकों को केंद्रीय कर्मचारी घोषित करने की याचिका का निस्तारण करते हुए छह माह में इन कर्मचारियों की सेवा शर्तों का निर्धारण एवं नियम बनाने के लिए कहा गया था। जानकारी है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिविल रिट पिटीशन विनोद कुमार सक्सेना एवं अन्य बनाम भारत संघ के मामले में कैट को यह निर्देश दिए थे।
कोर्ट यह भी निर्धारित करेगा कि इन याचिकाकर्ता को कब से केंद्रीय कर्मचारी माना जाए।
देश में डाक विभाग में लगभग २.७८ लाख कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में कार्य करते हैं जिनको अधिकतम पांच घंटे का ही वेतन लगभग आठ से दस हजार रुपए दिया जाता है। उन्हें एक्स्ट्रा डिपार्टमेंटल कर्मचारी माना जाता है। जिले में लगभग पांच सौ डाक सेवक कार्यरत हैं।