उत्तर प्रदेश की 2 और बिहार की 1 लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। 11 मार्च को वोट डाले जाएंगे और 14 मार्च को नतीजों का ऐलान होगा।
निर्वाचन आयोग ने 9 फरवरी को यूपी की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट और बिहार की अररिया लोकसभा सीट के साथ-साथ भभुआ और जहानाबाद की विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। इन सभी सीटों पर 11 मार्च को वोट डाले जाएंगे और 14 मार्च को नतीजों का ऐलान होगा। इन सभी सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 13 फरवरी से शुरू हो जाएगी। 20 फरवरी तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे, जबकि
नाम वापस लेने की आखरी तारीख 23 फरवरी है। अभी किसी भी पार्टी ने इन सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है।
बता दें कि यूपी के गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ और फूलपुर से डिप्टी सीएम केशव मौर्य सांसद थे। विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आदित्यनाथ के सीएम और मौर्या के डिप्टी सीएम बनने के की वजह से ये सीटें खाली हो गई थीं। बिहार की अररिया लोकसभा सीट वहां से आरजेडी सांसद रहे तस्लीमुद्दीन के निधन की वजह से खाली हुई है। वहीं, जहानाबाद के आरजेडी विधायक मुंद्रिका सिंह यादव और भभुआ के बीजेपी विधायक आनंद भूषण पांडेय के भी निधन की वजह से ये दोनों सीटें खाली हुुई हैं।गौरतलब है कि गोरखपुर और फूलपुर की सीट की बात की जाए, तो ये दोनों सीटें पिछले साल मार्च से ही खाली हैं। मार्च 2017 में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य की बागडोर संभाल ली थी। लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था। दोनों ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव संपन्न हो जाने के बाद दिया। विपक्ष लगातार दोनों सीटों पर चुनाव कराने की मांग करता आ रहा है। माना यह जा रहा है कि बीजेपी इन सीटों पर चुनाव कराने का जोखिम नहीं लेना चाहती थी। लेकिन, चुनाव कराने की बाध्यता की वजह से अब अंततः यहां चुनावों का ऐलान करना पड़ा है। हाल ही में राजस्थान में हुए उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। ऐसे में देखना होगा कि यूपी में योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी का जादू कितना कायम रह पाता है।वहीं, बिहार की अगर बात करें तो यहां भी बीजेपी और नीतीश कुमार की अग्निपरीक्षा तय है। पिछले चुनाव में इन तीनों सीटों में से दो पर आरजेडी का कब्जा था और एक पर बीजेपी का। पिछला विधानसभा चुनाव आरजेडी और जेडीयू ने मिलकर लड़ा था। ऐसे में इन सीटों पर अपना वर्चस्व बनाए रखने की चुनौती आरजेडी के सामने भी होगी। ऐसे में बिहार में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल सकता है। राजनीतिक टिप्पणीकार इस उपचुनाव को 2019 का सेमीफाइनल भी मान रहे हैं।
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