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आर्श गुरुकुल पौंधा-देहरादून के आचार्य डा. धनंजय आर्य का वैदिक साधन आश्रम तपोवन द्वारा सम्मान

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17 May 18
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आर्श गुरुकुल पौंधा-देहरादून के आचार्य डा. धनंजय आर्य का वैदिक साधन आश्रम तपोवन द्वारा सम्मान 18 वर्ष पूर्व आर्यजगत के सुप्रसिद्ध संन्यासी स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने देहरादून में दून वाटिका, पौन्धा में एक आर्ष गुरुकुल की स्थापना की थी। इस गुरुकुल का आचार्य युवा आर्य विद्वान धनंजय आर्य जी को बनाया गया था। कुछ झोपड़ियों व फूस की यज्ञशाला में आरम्भ हुआ यह गुरुकुल विगत 18 वर्षों में एक वट वृक्ष के रूप में विकसित हो चुका है। वर्तमान में इस गुरुकुल में लगभग 130 बच्चे आर्ष शिक्षा पद्धति से अध्ययन कर रहे हैं। अनेक विद्यार्थी स्नातक हो चुके हैं व महाविद्यालयों में प्राध्यापक हैं। कुछ सेना में हैं तो कुछ अन्य सम्मानित कार्य कर रहे हैं। सम्प्रति आचार्य डा. यज्ञवीर जी और आचार्य चन्द्रभूषण शास्त्री जी के सहयोग से आचार्य धनंजय जी इस गुरुकुल को सफलतापूर्वक चला रहे हैं। देहरादून व निकटवर्ती स्थानों में इस गुरुकुल की स्थापना एवं इसके संचालन से वैदिक धर्म और आर्यसमाज के धर्म प्रचार के क्षेत्र में एक नये अध्याय का सूत्रपात हुआ है। उत्तराखण्ड राज्य में संस्कृत अध्ययन का भी यह एक प्रमुख केन्द्र है।

वर्तमान में देहरादून की सबसे अधिक कोई जीवन्त एवं प्रभावशाली आर्य संस्था है तो वह आर्ष गुरुकुल पौंधा ही है। इसके समान ही वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून भी आर्यसमाज की गतिविधियों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ता हुआ देश भर में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। दोनों संस्थाओं का कार्य क्षेत्र पृथक पृथक है फिर भी दोनों ही वैदिक धर्म की रक्षा व प्रचार-प्रसार में मिलकर सहयोग पूर्वक कार्य कर रहे हैं। आचार्य धनंजय जी के पुरुषार्थ एवं बुद्धिमत्ता सहित स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद से विगत 18 वर्षों में गुरुकुल पौंधा ने आशातीत उन्नति की है। आर्यजगत की यह दोनों ही विभूतियां प्रशंसा एवं धन्यवाद की पात्र है।

यह भी बता दें कि गुरुकुल, पौन्धा का उत्सव देश की सभी बड़ी संस्थाओं की तुलना में अति उत्तम होता है। चोटी के आर्य विद्वान उत्सव में पधारते हैं। अनेक विषयों पर सम्मेलन होते हैं जिनमें डा. ज्वलन्तकुमार शास्त्री, डा. रघुवीर वेदालंकार, आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय, डा. सोमदेव शास्त्री, मुम्बई, पं. धर्मपाल शास्त्री, काशीपुर, स्वामी धर्मेश्वरानन्द, पं. सत्यपाल पथिक, पं. ओ३म् प्रकाश वर्मा, पं. सत्यपाल सरल, पं. मामचन्द पथिक, पं. रूहेल सिंह जी आदि अनेक चोटी के विद्वान व भजनोपदेशक अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। भोजन आदि का उचित व प्रशंसनीय प्रबन्ध होता है। इस वर्ष गुरुकुल का उत्सव जून माह की 1 से 3 तारीखों को सोत्साह समारोहपूर्वक मनाया जा रहा है। सभी आर्यजन इस आयोजन में आमंत्रित किये गये हैं। जिन आर्यबन्धुओं को उत्सव में आना सुविधाजनक हो वह गुरुकुल में आ सकते हैं।

वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून का पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव रविवार 13 मई, 20187 को सम्पन्न हुआ है। इस अवसर पर आयोजित युवा सम्मेलन एवं समापन समारोह में आचार्य धनंजय जी का व्याख्यान हुआ। आश्रम की ओर से आचार्य धनंजय जी की आर्यसमाज के क्षेत्र में विशेष सेवाओं के लिए उन्हें शाल ओढ़ाकर एवं वैदिक साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर का एक चित्र हम अपने सभी मित्र महानुभावों से साझा कर रहे हैं। ओ३म् शम्। आचार्य धनंजय जी को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें। ओ३म् शम्।

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