बांसवाड़ा /जिले के प्रसिद्ध रंगकर्मी और गीतकार सतीश आचार्य ने राष्ट्रीय स्तर की गायन प्रतियोगिता में प्रस्तुति देकर राजस्थान के साथ उत्तरभारत का प्रतिनिधित्व किया। आचार्य ने नेशनल इश्योरेंस द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता के तहत कोलकाता के प्रसिद्ध थियेटर कला मंदिर में अपनी प्रस्तुति दी। आचार्य ने राजस्थान के प्रसिद्ध लोकगीत ‘केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देस.....’ की प्रभावशाली प्रस्तुति देकर राजस्थान की विश्वविश्रुत मेहमान नवाजी की संस्कृति का बखान किया। इसी प्रकार उन्होंने अपनी स्वरचित गज़ल ‘जंग हो गई आदमी की बस्तियां, नाम की रह गई अब हस्तियां...’ प्रस्तुत किया। इसका संगीत डॉ. संजय आमेटा ने तैयार किया था। आचार्य की दोनों प्रस्तुतियों को देशभर के श्रोताओं द्वारा काफी सराहा गया।
इस अवसर पर नेशनल इंश्योरेंस के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के.सनथकुमार और सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका हेमंती शुक्ला ने आचार्य को उनकी बेहतरिन प्रस्तुति के लिए मैडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि आचार्य ने गत दिनों नेशनल इश्योंरेंस द्वारा नई दिल्ली में गत दिनों लोदी रोड़ स्थित लोक कला मंच के वासुकी ऑडिटोरियम में आयोजित की गई उत्तर क्षेत्र की प्रतियोगिता में जोधपुर क्षेत्रीय कार्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए राजस्थान मांड गायन और अपनी जुल्फे गजल की प्रभावशाली प्रस्तुति से फाईनल में अपना स्थान बनाया।
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