उदयपुर | भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण केन्द्र, उदयपुर में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस समारोह प्रताप नगर कार्यालय परिसर में मनाया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय मानवविज्ञान संग्रहालय में आयोजित चित्रकला कार्यशाला में जिले के लगभग 55 भील जनजाति के छात्र-छात्राओं ने राजकीय महाविद्यालय, सलूंबर के सेवानिवृत्त उप-प्राचार्य एवं भील जनजाति के प्रख्यात चित्रकार डॉ. पूर्णशंकर मीणा, माणिक्यलाल वर्मा जनजातीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ चित्रकार एवं युवा जनजातीय चित्रकार यशपाल बरांडा के मार्गदर्शन में छात्रों ने भील समाज के पारिस्थितिकी, संस्कृति एवं संग्रहालय संबंधित चित्र बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस मौके पर भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण, पश्चिमी क्षेत्रीय केन्द्र, उदयपुर और भारतीय कला एवं सांस्कृतिक निधि (इनटेक), उदयपुर चेप्टर के संयुक्त तत्वावधान में संग्रहालय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. बिभु कल्याण महांति ने संग्रहालय की आवश्यकता एवं विरासत संरक्षण में संग्रहालय की भूमिका पर प्रकाश डाला। इनटेक के प्राकृतिक धरोहर विषय के राष्ट्रीय सलाहकारएस. के. वर्मा ने भी अपने विचार रखे।
इस मौके पर पुरातत्वविद एवं विषय विशेषज्ञ डॉ. बी.पी. भटनागर, डॉ. ललित पाण्डेय, डॉ. तिलक बागची ने संग्रहालय के महत्व पर विचार रखे। महाराणा प्रताप स्मृति संग्रहालय, हल्दीघाटी के संस्थापक मोहनलाल श्रीमाली ने महाराणा प्रताप के संघर्षांे को संग्रहित कर मेवाड़ के इतिहास से अवगत कराते हुए संग्रहालय के विषय पर विचार व्यक्त किया। कलाविद् विलास जानवे ने सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के संदर्भ में शिल्पग्राम एवं बागोऱ की हवेली संग्रहालय पर विचार रखे। दिनेश उपाध्याय जनजातीय संग्रहालय की भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को म्यूजियम डिजायनर गौरव सिंघवी, भारतीय लोककला मंडल के रोहित मनेरिया, राजस्थान विद्यापीठ के डॉ. कृष्णपाल सिंह ने भी संबोधित किया। संचालन राजभाषा प्रभारी अजय चौधरी ने किया जबकि आभार डॉ. तिलक बागची ने जताया।
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