संस्कारों की नर्सरी परिवारः कृष्णा माँ
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30 Apr 16
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उदयपुर । कालों के काल महाकाल की पावन नगरी उज्जैन में नारायण सेवा संस्थान के साधक निरंतर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। सिंहस्थ महाकुंभ के मंगलनाथ क्षेत्र में संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक एक तरफ जहां दिव्यांग बंधुओं के निःशुल्क ऑपरेशन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देशभर से पधारे संतवृंद, प्रभु की पावन कथाओं का दिव्यामृत भी उनमें वितरित कर रहे हैं।
प्रातः कालीन सत्र में श्रीमद्भागवद कथा का रसपान कराते हुए भागवत मर्मज्ञ श्रीराम कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सत्य का पालन करना ही सच्चा धर्म है। जब मनुष्य के साथ कुछ भी नहीं जाना है तो उसे संसार से मिथ्या मोह भी नहीं करना चाहिए। मानव जन्म अत्यन्त दुर्लभ है। जिसे भगवत भजन और परोपकार से जोडना चाहिए। उन्होंने श्रीमद्भागवत जी के विविध प्रसंगों का मार्मिक वर्णन करते हुए सिंहस्थ कुंभ की महत्ता पर प्रकाश डाला।
संस्थान संस्थापक चेयरमैन श्री कैलाश मानव ने बताया कि संस्थान के आध्यात्मिक प्रवचनों की श्रृंखला में साध्वी कृष्णा माँ ने कहा कि मनुष्य को अपने परिवार का पूर्ण सात्विकता से पालन करना चाहिए। क्योंकि परिवार ही संस्कारों की नर्सरी है। इस संबंध में उन्होंने ध्रुव चरित्र प्रसंग सुनाया और कहा कि इन्हीं संस्कारों के बल पर भक्त ध्रुव ने बैकुंठ लोक प्राप्त किया था। कथा प्रवचन के इस पावन प्रवाह में मंच संचालन कृपा व्यास ने किया।
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