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प्लवंग सम्वत् की हुई शानदार विदाई- अभूतपूर्व हुआ हाथीपोल पर त्रिवेणी महासंगम

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20 Mar 15
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प्लवंग सम्वत् की हुई शानदार विदाई- अभूतपूर्व हुआ हाथीपोल पर त्रिवेणी महासंगम उदयपुर । अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, नगर निगम उदयपुर, आलोक संस्थान एवं अन्य संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित नव सम्वत्सर महोत्सव के दूसरे दिन तीन स्थानों से ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा निकाली गयी। ढोल नगाडो, जय घोष नव सम्वत्सर के नारों और भारत माता की जय के उद्घोष के बीच जब तीनों ओर से यात्रा का संगम हुआ मानो चारों दिशायें सिमट कर हाथीपोल पर आ गई हो। तीनों यात्राओं का हाथीपोल पर महासंगम हुआ। साथ ही कलश शोभायात्रा एवं सप्त ज्योति यात्रा जगदीश मन्दिर से गणगौर घाट तक निकाली गयी।


ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा का स्वागत ः
अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि प्रथम ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा नाथद्वारा धाम से दोपहर ३ बजकर ३० मिनिट पर प्रारम्भ हुई। नाथद्वारा से यात्रा को नाथद्वारा की पुलिस अधीक्षक श्वेता धनखड, पं. मदन मोहन ने ज्योति प्रज्जवलन कर रवाना किया। इस यात्रा में सम्मानित अतिथियों में मेलडी माता मन्दिर के महंत वीरदेव जी, सुखेर से उदयपुर नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी थे।


यह यात्रा नाथद्वारा से आरम्भ होकर एकलिंगजी, चिरवा, अम्बेरी, सुखेर, भुवाणा, पूला, फतहपुरा, पंचवटी, चेतक चौराहा होते हुये हाथीपोल पहुंची।
इस यात्रा का कुमावत क्षत्रिय महासभा, झुलेलाल सेवा समिति, कृषि मण्डी युवा, के डी स्कूल यूनिफोर, जे के बिर्ल्डस, अखिल भारतीय मेवाड टांक फतहपुरा, ज्योति ज्वेलर्स, आशापुरा टां्रसपोर्ट, रॉयल मोटर्स, हेड क्वार्टस, श्री लक्ष्मीनारायण भट मेवाडा सेवा समिति, भारत विकास परिषद्, झुलेलाल समिति, अथर्व मोटर्स प्रा.लि., भजन कीर्तन मण्डली सनाढ्श् ब्रदर्स, अरिहन्त मार्बल सहित अनेक संगठनों, संस्थानों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। साथ ही डॉ. प्रदीप कुमावत का माल्यार्पण से व पगडी पहनाकर उनका अभिनन्दन भी विभिन्न संगठनों द्वारा किया गया।

दूसरी यात्रा बेजनाथ महादेव सीसारमा से निकाली गयी। इस यात्रा में सम्मानित अतिथियों में तखत सिंह शक्तावत, दुर्गेश, चांदनी गौड. थे।

तीसरी यात्रा बोहरा गणेश जी से निकाली गयी। इस यात्रा में सम्मानित अतिथियों में भीमसिंह जी बावजी काली कल्याणी धाम थे।



इन यात्राओं का सभी जगह पुष्प वर्षा द्वारा, वरूण पूजा द्वारा, ढोल नंगाडो के साथ आरती के द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
इस यात्रा के लिए विशेष प्रकार का अश्व-रथ सजाया गया। जगह-जगह करीब १०१ स्वागत द्वार लगाए गए तथा पुष्प वर्षा से कलश यात्रा का व्यापक स्वागत किया गया। कलश यात्रा में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि विशेष आमन्त्रित सदस्यों में सम्मिलित थे। कलश यात्रा के शहर में प्रवेश पर ५१ मोटरसाइकिल सवारों ने स्वागत किया।

अभूतपूर्व हुआ हाथीपोल पर त्रिवेणी महासंगम ः डॉ. कुमावत ने बताया कि तीनों ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा का हाथीपोल पर त्रिवेणी महासंगम हुआ। इस अवसर पर आरती की गयी। दाउदी बोहरा समाज द्वारा बैण्ड द्वारा भव्य स्वागत किया गया। साथ ही अनेक संगठनों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
सप्त ज्योति कलश यात्रा ः ः डॉ. कुमावत ने बताया कि जगदीश चौक से मेवाड के उन सभी तीर्थ स्थलों से लाई गई ज्योतियाँ प्रथम ज्योति नाथद्वारा से, एकलिंग जी से दूसरी ज्योति, बोहरा गणेश जी से तीसरी ज्योति,बेजनाथ महादेव जी स,े चौथी बोहरा गणेश जी स,े पांचवी अम्बामाता से छठी और सातवीं जगदीश मन्दिर से। इन सातों ज्योतियों का समागम यहाँ जगदीश चौक प्रांगण में हुआ। यहाँ से सभी वाहन विसर्जित हो गये और ज्योति और कलश को शोभायात्रा में परिवर्तित कर इस अवसर पर विभिन्न समाजों की महिलाओं द्वारा कलश यात्रा और सप्त ज्योति यात्रा जगदीश मन्दिर से गणगौर घाट तक निकाली गयी।
विदा सम्वत्-२०७१ कार्यक्रम ः
प्लवंग सम्वत् की हुई शानदार विदाई तीन दिवसीय नववर्ष महोत्सव के अन्तर्गत ज्योति कलश चेतना यात्रा का नाथद्वारा से गणगौर घाट पर पहुँचने पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किये गये। साथ ही गंगा आरती, दीप प्रवाह कर प्लवंग सम्वत् को विदा किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर निगम के महापौर चन्द्र सिंह कोठारी थे। अध्यक्षता अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामलाल कुमावत ने की। विशिष्ट अतिथियों में मेलडी माता के महंत वीरदेव जी, उप महापौर लोकेश द्विवेदी, चन्द्र गुप्त सिंह चौहान, नववर्ष समारोह समिति के जिलाध्यक्ष कृष्णकान्त कुमावत, जगत नागदा, नगर निगम के महेश त्रिवेदी, राबिन जी, गणपत सोनी, रमेश चन्देल, रेखा, चांदनी गौड, सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि आज जो ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ उससे प्रतीत होता है कि जो आलोक संस्थान एवं नववर्ष समारोह समिति ने ३८ वर्षों पहले प्रयास किया उसका परिणाम अब नजर आने लगा है। लोगों में भारतीय संस्कृति के प्रति जोश देखकर ऐसा लगता है कि लोग नव संवत्सर को नये साल के रूप में मनाने लगे है।
डॉ. कुमावत ने कहा कि आने वाला सम्वत् कीलक सम्वत् है। यह नागरिकों के लिये खुशहाली लायेगा। अच्छी बारिश होगी। उन्होंने सभी नागरिकों को नव सवत्सर २०७२ की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
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