चीनी वेबसाइट पर नरेंद्र मोदी- स्वागत भी
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20 May 15
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चीन यात्रा के ठीक पहले चीन की ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट 'सीना वीबो' पर अकाउंट बनाया था। उन्होंने अपनी चीन यात्रा के दौरान भी इस पर कुछ टिप्पणियाँ कीं। इसे उनका स्मार्ट कदम बताया गया है और वीबो पर नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। श्री मोदी ने पहली टिप्पणी 'हैलो चाइना' के नाम से चीनी भाषा में की थी जिसे देखते ही देखते 18000 लाइक मिले और 12000 से ज्यादा कमेंट भी आ गए। उनकी दूसरी टिप्पणियों में चीन में अपने कार्यक्रम की चर्चा के साथ-साथ बौद्ध धर्म पर कुछ टिप्पणियाँ भी शामिल हैं। श्री मोदी ने भारत और चीन के संबंधों में सुधार की अपार संभावनाओं का भी जिक्र किया है। सवाल यह है कि चीनी लोगों की तरफ से उन्हें कैसा रेस्पॉन्स मिला है। कुछ लोगों ने उनकी चीन यात्रा का स्वागत किया है और बौद्ध धर्म पर उनकी टिप्पणियों को सराहा है, हालाँकि अनेक लोगों ने अपनी टिप्पणियों में श्री मोदी की आलोचना भी की है।
ज्यादातर चीनियों की टिप्पणियाँ भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद से ताल्लुक रखती हैं, खासकर अरुणाचल प्रदेश का काफी जिक्र हुआ है। एवरेज नाइटहॉक नामक एक शख्स की टिप्पणी है- "प्रधानमंत्री भारत और चीन दोनों ही उपनिवेशवाद के शिकार हे हैं। दक्षिण तिब्बत (चीन में अरुणाचल प्रदेश को इस नाम से संबोधित किया जाता है) ब्रिटिश लोगों की पैदा की गई समस्या है और इसे चीन को वापस किया जाना चाहिए।" हालाँकि इस टिप्पणी का किसी ने जवाब भी दिया है, जिसने चीन के इस दावे को बेदम बताया है कि किसी जमाने में अरुणाचल प्रदेश पर चीनी राजा का शासन था। इस वीबो यूज़र की टिप्पणी है कि अगर किसी समय के अधिकार को ही आधार बना लिया जाए तो फिर भारत तो समूचे पाकिस्तान, भूटान, नेपाल और अफगानिस्तान पर दावा कर सकता है जिन पर कभी भारतीय राजाओं का अधिकार था। एक अन्य व्यक्ति ने टिप्पणी की है कि दोनों देशों के लिए आर्थिक और तकनीकी विकास ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्हें ऐसे क्षेत्र के मुद्दे पर टकराव से बचना चाहिए जहाँ चंद लोग ही रहते हैं।
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