1.20 लाख और कंपनियों का पंजीकरण होगा रद्द
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17 Jan 18
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नई दिल्ली सरकार ने आज 1.20 लाख और कंपनियों का नाम आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने की घोषणा की। काले धन के खिलाफ लड़ाई के तहत सरकार विभिन्न नियमों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर रही है। सरकार इससे पहले करीब 2.26 लाख कंपनियों का पंजीकरण पहले ही रद्द कर चुकी है। वहीं इन कंपनियों से जुड़े 3.09 लाख निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है। सरकार ने पिछले सप्ताह एक समीक्षा बैठक की जिसमें पहले जिन कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई। उसी बैठक में 1.20 लाख और कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने का फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कॉरपोरेट मामलों के मंत्री पी पी चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रिकॉर्ड से हटाई गई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेज करें। विभिन्न नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर करीब 1.20 लाख कंपनियों का नाम भी रिकॉर्ड से हटाया जाएगा। मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। दिसंबर 2017 तक विभिन्न नियमों का पालन नहीं करने पर 2.26 लाख कंपनियों का पंजीकरण समाप्त किया जा चुका है। अवैध धन के प्रवाह को रोकने के लिये यह कदम उठाये गये हैं। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास पंजीकरण रद्द कंपनियों की बहाली के 1,157 मामले भेजे गए हैं। एनसीएलटी ने इनमें से 180 कंपनियों की बहाली पर विचार का आदेश दिया है। इन 180 में से 128 कंपनियों की बहाली संबंधित कंपनी पंजीयकों द्वारा की जा चुकी है।
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