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खूबसूरती और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर जसपुर

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15 Mar 17
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 खूबसूरती और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर जसपुर छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक रूप से सुसज्जित जशपुर जिला प्राकृतिक वरदान के रूप में प्राप्त जलप्रपातों व हरितिमा के साथ ही अपने सुहावने मौसम के लिए विख्यात है। समुद्र सतह से लगभग 2700 फीट ऊपर स्थित जशपुर जिले में दर्जनों जल प्रपात हैं। जो पर्यटकों का मन बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं।


प्रकृति के उपहार के रूप में साल के बड़े−बड़े वृक्षों से आच्छादित वनों के बीच में स्थित ये जलप्रपात शांत वातावरण में अपने गतिमान जल की मधुर ध्वनि के साथ पर्यटकों को घंटों निहारने को विवश कर देते हैं। आदिवासी बाहुल्य इस जिले में रानी दाह, राजपुरी, सुलेसा, बेने, दनगरी, गुल्लू, दमेरा, महनई, कोतेबिरा आदि मुख्य जलप्रपात हैं। जिले में कैलाश गुफा, ईब नदी, खुडियारानी, पंडरापाठ, बादरखोल अभ्यारण्य, अलोरी पटिया सिरी नदी, महागिरजाघर, अवधूत भगवान राम की सिद्ध पीठ आदि अनेक स्थल देखने लायक हैं। पर्यटक बड़े आराम से उपरोक्त स्थलों को सुगमता से देख सकते हैं। यहां का सूर्योदय व सूर्यास्त भी देखने लायक है।

वैसे तो छत्तीसगढ़ राज्य ही दर्शनीय स्थल है लेकिन जशपुर जिले का राज्य के पर्यटन मानचित्र में अलग ही स्थान है तभी तो यहां सिर्फ पर्यटकों को ही नहीं शोधार्थियों को भी देखा जा सकता है। यदि आप यहां आना चाहते हैं तो रांची, राऊरकेला, झारसुगड़ा, रायगढ़, बिलासपुर तक रेल यात्रा कर बस या किराये की टैक्सी द्वारा यहां आ सकते हैं।

यहां पर पर्यटन के दौरान ठहरने की भी उचित व्यवस्था है। आप चाहें तो लोकनिर्माण भवन, वन विभाग और जल संसाधन विभाग के विश्राम गृहों में ठहर सकते हैं या फिर चाहें तो सुविधा लॉज, महामाया लॉज, श्याम लॉज तथा धर्मशालाओं में भी ठहर सकते हैं। यहां लगभग वर्ष भर ही मौसम ठीक रहता है लेकिन गर्मियों के दिनों में यहां आने से बचा जाए तो ठीक रहेगा। जशपुर छोटा किन्तु लुभावना पर्यटन स्थल है। यह जगह भले ही छोटी हो लेकिन यहां पर्यटकों को सभी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

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