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महिलाओं को समर्पित एक मंदिर जहां पुरुषों के लिए हैं वर्जनाएं

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27 Jul 16
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जोधपुर/ जोधपुर का अजनेश्वर आश्रम। करीब 125 साल पुराना। महिलाओं को समर्पित है इसलिए मंदिर में पुरुषों को रात में रुकने की इजाजत नहीं है। इसके लिए बाकायदा मेनगेट पर बोर्ड लगा रखा है। मंदिर की खास बात यह है कि यहां गादीपति भी महिला संत ही हो सकती है। वर्तमान गादीपति 75 वर्षीय शांतेश्वर महाराज तीन साल की उम्र में माता-पिता, नाना-नानी के साथ यहां आते थे। तभी से भक्ति भावना जगी। 13 साल के होते-होते विवाह कर दिया तो ससुराल नहीं गए और यहीं आश्रम में बस गए। उनके सान्निध्य में गुप्तेश्वर महाराज, देवेश्वर महाराज, गोपेश्वर महाराज, नर्बदेश्वर महाराज, अलकेश्वर महाराज, संध्येश्वर महाराज, संतोष महाराज और अनुभवदास महाराज साधना कर रहे हैं। वर्तमान में यहां नौ महिला संत सात विधवाएं साधना कर रही हैं। मंदिर की स्थापना अजनेश्वर महाराज ने की जिन्होंने 11 साल की उम्र में ही पूर्ण वैराग्य ले लिया और फिर 12 साल तक मौन रहे। उनके बाद कलाराम महाराज, बालेश्वर महाराज तुलसीदास महाराज गादीपति बने।
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